अज्ञानता दूर होने पर मिलेगी शांति
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा स्थानीय मोगा रोड पर अमन नगर में स्थित आश्रम में दीवाली का त्यौहार श्रद्धापूर्वक धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर आयोजित समारोह में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत की। समारोह के दौरान सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्य साध्वी बल¨जदर भारती ने दीवाली का महत्व बताते हुए कहा कि दीवाली का पर्व जो हम हर वर्ष मनाते हैं, इस दिन प्रभु श्री राम 14 वर्ष का बनवास काट कर अयोध्या वापिस आए थे।
संवाद सहयोगी, कोटकपूरा
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा स्थानीय मोगा रोड पर अमन नगर में स्थित आश्रम में दीवाली का त्योहार श्रद्धापूर्वक धूमधाम से मनाया गया।
सर्वश्री आशुतोष महाराज की शिष्य साध्वी बल¨जदर भारती ने दीवाली का महत्व बताते हुए कहा कि दीवाली का पर्व जो हम हर वर्ष मनाते हैं, इस दिन प्रभु श्री राम 14 वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या वापिस आए थे। इसी खुशी पर सभी अयोध्या वासियों ने देसी घी के दीपक जलाए थे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में दीवाली की पवित्रता खत्म होती जा रही है। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं और शराब व मांस आदि का सेवन कर इस त्योहार को अपवित्र बना देते हैं। उन्होंने कहा कि दीवाली वाले दिन श्री गणेश व लक्ष्मी जी का पूजन होता है। गणेश जी जोकि विवेक के स्वामी हैं और लक्ष्मी जी जोकि धन-वैभव का प्रतीक है। साध्वी जी ने कहा कि जहां विवेक है वहीं धन का सदप्रयोग हो सकता है। जहां विवेक हैं वहीं सुख एश्वर्य है। इसलिए लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी का भी पूजन होता है। लेकिन मानव का विवेक तब जागृत होगा जब वह अध्यात्म की शरण में जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इंसान की बाहर से ¨जदगी तो रंगीन है, रोशन हैं। लेकिन भीतर से इंसान बेरंग होता जा रहा है। वह भीतर से तब शांत होगा जब वह प्रभु राम के वास्तविक रूप ज्योति को घर में देख लेगा। जब अज्ञानता दूर होगा ज्ञान का प्रकाश उजागर हो जाएगा। जब वह इस अयोध्या रूपी शरीर में दीवाली के पर्व का अनुभव करेगा। अंत में साध्वी बहनों द्वारा सुंदर सुंदर भजन पेश किए गए। जिन्हें सभी श्रद्धालुओं ने ध्यानपूर्वक सुना।