संसार में तीन प्राप्तियां अत्यंत दुर्लभ : कृष्णा भारती
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा स्थानीय अमन नगर में स्थित आश्रम में एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज की शिष्य साध्वी सुश्री कृष्ण भारती ने प्रवचन करते हुए कहा कि महापुरुष कहते हैं कि संसार में तीन प्राप्तियां अत्यंत दुर्लभ हैं। पहली मानव तन की प्राप्ति, दूसरी इस तन से मुक्ति और तीसरी किसी पूर्ण महापुरुष की शरण।
जागरण संवाददाता, कोटकपूरा
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा स्थानीय अमन नगर में स्थित आश्रम में एक दिवसीय सत्संग का आयोजन किया गया। इसमें सर्वश्री आशुतोष महाराज की शिष्य साध्वी सुश्री कृष्ण भारती ने प्रवचन करते हुए कहा कि महापुरुष कहते हैं कि संसार में तीन प्राप्तियां अत्यंत दुर्लभ हैं। पहली मानव तन की प्राप्ति, दूसरी इस तन से मुक्ति और तीसरी किसी पूर्ण महापुरुष की शरण।
उन्होंने कहा कि संसार में हम जो भी देखते हैं, चेतना छोटा-बड़ा सब कुछ उस परम पिता परमात्मा सृष्टि का ही अंग है। इन सभी रचनाओं का उनके गुणों, उनकी विशेषताओं के आधार पर आकलन करे तो पाएंगे कि मानव ही ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है। मानव तन प्राप्ति के बाद व्यक्ति इसमें से मुक्ति के मार्ग तलाशता है लेकिन एक पूर्ण महापुरुष ही इस शरीर में रहते हुए परमात्मा को प्राप्त करने का मार्ग बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मानव संसारिक इच्छाओं में फंस करके उस परमात्मा से बहुत दूर चला गया है। उसने अपना दायरा इस कदर बड़ा कर लिया है कि इन्हें पूरा करने को वो दिन-रात दौड़ता रहता है। जिस मार्ग पर चलना था उसे भूल गया व संसार में फंस कर बैठ गया।
उन्होंने कहा कि जब हमारे जीवन में संत आते हैं तो वह हमें उस मार्ग के बारे में बताते हैं, जिस मार्ग से हम भटक गए है। वह है ईश्वर का मार्ग। गुरू हमें उस ईश्वर के साथ जोड़ता है भीतर में उसके दर्शन करते हैं। तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।