कुदरती इलाज प्रणाली सबसे कारगर
जागरण संवाददाता, कोटकपूरा कुदरती इलाज प्रणाली में कभी भी किस्म की दवा के इस्तेमाल की जरू
जागरण संवाददाता, कोटकपूरा
कुदरती इलाज प्रणाली में कभी भी किस्म की दवा के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती। बल्कि इस विधि से हर तरह की बीमारियों (जख्मों से लेकर कैंसर तक) का इलाज किया जाता है। यह विचार वरिष्ठ नेचरोथेपी व सेवामुक्त सीएमओ डॉ. गुरमेल ¨सह विर्क ने स्थानीय नगर कौंसिल पार्क में कुदरती इलाज प्रणाली (नेचरोथेपी) विषय पर करवाए गए सेमिनार में किए।
डॉ. गुरमेल ¨सह विर्क ने कहा कि चीनी, चायपत्ती, कोल्ड¨रक, मास, नशा व रिफाइंड तेल को पांच बनावटी वस्तुएं बताते हुए कहा कि इनसे बचने वाला व्यक्ति कभी बीमार हो ही नहीं सकता। यदि वो उक्त वस्तुओं से परहेज करे और जूस, सलाद, दूध-दही-लस्सी, सब्जी, फल व आर्गेनिक भोजन अर्थात इन पांचों वस्तुओं का इस्तेमाल करें तो यह सेहत के लिए बढि़या रहेगा। उन्होंने कैंसर समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित उन मरीजों से भी रूबरू करवाया जो इलाज करवा-करवा कर थक-हार चुके हैं और उनका दुनियादारी से विश्वास बिल्कुल खत्म हो चुका था। लेकिन उक्त पीड़ित कुदरती इलाज प्रणाली के माध्यम से बिल्कुल तंदुरुस्त हो गए हैं।
डॉ. आरसी गर्ग ने डॉ. गुरमेल ¨सह विर्क व उनकी टीम का स्वागत करते हुए डॉ. एचएस पदम व उनके जीवन संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सेमिनार में डॉ. विर्क ने 50 से भी अधिक पुरूषों व महिलाओं के सवालों के जवाब दिए। अंत में विभिन्न समाजसेवियों द्वारा डॉ. गुरमेल ¨सह विर्क को सम्मानित किया गया।