सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर करे सरकार
जागरण संवाददाता, कोटकपूरा पंजाब के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में सेहत सुविधाओं का बह
जागरण संवाददाता, कोटकपूरा
पंजाब के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में सेहत सुविधाओं का बहुत ही बुरा हाल है। अस्पताल में डाक्टर समय पर नहीं मिलते और कई अस्पतालों में तो डाक्टरों की कमी के कारण मरीजों को प्राईवेट अस्पताल में जाकर इलाज करवाना पड़ता है जो गरीब मरीजों की पहुंच से बाहर है। डाक्टरों की अस्पतालों में कमी को पूरा करने की बजाय सरकार उनकी इधर उधर तबादले करके काम चला रही है जिस कारण लोग परेशान हो रहे हैं। यह विचार कोटकपूरा से आम आदमी पार्टी के विधायक कुलतार ¨सह संधवां ने व्यक्त करते हुए कहा कि सेहत सुविधाओं को लेकर सरकार की लापरवाही की ताजा उदाहरण कोटकपूरा का सिविल अस्पताल है। कोटकपूरा के अस्पताल को लेकर सेहत मंत्री पंजाब को लिखे पत्र की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में सेहत विभाग ने कोटकपूरा से दो डाक्टरों डॉ.वरिन्द्र कुमार(मेडिसन) और डा.पु¨ष्पदर ¨सह कूका (सर्जन) का तबादला कर दिया है जबकि गायनी विभाग की डॉक्टर की सप्ताह में दो दिन ड्यूटी जैतो में लगा दी है जिस कारण यहां के लोगों को इलाज कराने के लिए परेशानी होने लगी है। उन्होंने कहा कि प्राईवेट अस्पताल में जा कर मरीजों को मोटी रकम देनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि इन डाक्टरों के जाने साथ डायलसिस, आप्रेशन,समेत आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
कोटकपूरा में आपातकालीन डाक्टरों (ईएमओ) की 6 पोस्टों हैं और सभी 6 की 6 पोस्टें लंबे समय से खाली हैं। वर्तमान समय में यह अस्पताल बंदी की कगार पर पहुंच चुका है। उन्होंने सेहत मंत्री ब्रहम म¨हद्रा को पत्र लिखकर कोटकपूरा अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर करने और लोगों को पेश आ रही समस्याओं को तुरंत हल करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही मुश्किलों का समाधान ना किया गया को वह शहर निवासियों को साथ लेकर संघर्ष शुरू करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।