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मन का अंधेरा दूर करने का पर्व है दीपावली

हमारे देश की संस्कृति, सभ्याचार व विरासत, पूरी दुनिया से अमीर है, इस लिए हमारे देश में मनाए जाने वाले विभिन्न त्यौहार सभी धर्मों की आपसी एकता के प्रतीक हैं। यह विचार स्थानीय ब्राहमण वाला रोड पर स्थित डीसीएम इंटरनेशनल स्कूल में दीपावली के पवित्र पर्व को समर्पित करवाए गए एक शानदार समारोह के दौरान ¨प्रसिपल श¨वदर सेठी ने संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 05:26 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 06:54 PM (IST)
मन का अंधेरा दूर करने का पर्व है दीपावली
मन का अंधेरा दूर करने का पर्व है दीपावली

जागरण संवाददाता, कोटकपूरा

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ब्राहमण वाला रोड पर स्थित डीसीएम इंटरनेशनल स्कूल में दीपावली के पवित्र पर्व को समर्पित करवाए गए एक शानदार समारोह के दौरान ¨प्रसिपल श¨वदर सेठी की अध्यक्षता में करवाया गया।

उन्होंने कहा कि दीपावली जैसे त्योहार रोशनी का प्रतीक है। मनुष्यों के मन में से अंधेरा दूर करने के लिए ऐसे त्योहार प्रेरणास्त्रोत हैं।

अध्यापक कुल¨वदर विर्क ने कहा कि हमारी यह संस्कृति सदियों पुरानी है। वर्तमान में वातावरण में पटाखों व फसलों के अवशेष जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण बेहद ¨चता का विषय है। इस लिए हर मनुष्य को अधिक से अधिक पौधे लगा कर दीपावली को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है और वातावरण को हरा भरा बनाना चाहिए।

समारोह में विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के संस्कृतिक व सभ्याचारक प्रोग्राम पेश करके सभी का मन मोह लिया। इस मौके पर विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई विभिन्न कला कृतियों जैसे दीया, थाली व मोमबत्ती आदि सजा कर और बंधनबार व लड़ियों आदि बना कर हाउस-स्टाल लगाई गई जिसकी अध्यापकों आदि ने खूब प्रशंसा की। ¨प्रसिपल श¨वदर सेठी, एनएल टीना, रमनदीप ¨सह व रमन मित्तल आदि गणमान्यों ने विजयी विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह व सर्टीफिकेट देकर सम्मानित किया।


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