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डेरा प्रेमियों ने दायर की SIT के चालान को रद करने की याचिका, गुरमीत राम रहीम का भी है नाम

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में गिरफ्तार डेरा प्रेमियों ने फरीदकोट अदालत में एसआइटी के चालान को रद करने की याचिका दायर की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 09:37 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 09:37 AM (IST)
डेरा प्रेमियों ने दायर की SIT के चालान को रद करने की याचिका, गुरमीत राम रहीम का भी है नाम
डेरा प्रेमियों ने दायर की SIT के चालान को रद करने की याचिका, गुरमीत राम रहीम का भी है नाम

फरीदकोट [देवानंद शर्मा]। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में गिरफ्तार डेरा प्रेमियों ने फरीदकोट अदालत में एसआइटी के चालान को रद करने की याचिका दायर की है। याचिका में डेरा प्रेमियों ने विशेष अदालत में एक साल से विचाराधीन सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट और बुधवार को एसआइटी की जांच को रोकने के लिए दायर अर्जी का हवाला दिया है। डेरा प्रेमियों की याचिका पर अदालत ने एसआइटी व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।

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बरगाड़ी बेअदबी मामले से संबंधित गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारेे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप चोरी होने की घटना में एसआइटी ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा (हरियाणा) के डेरा प्रमुख राम रहीम सहित 11 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया था। सात डेरा प्रेमी गिरफ्तार हैं, जबकि डेरे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तीन सदस्य फरार हैं। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पहले से ही साध्वी यौनशोषण मामले में हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद है।

गिरफ्तार डेरा प्रेमियों ने अपने वकील के माध्यम से अदालत में याचिका दायर कर दलील दी है कि सीबीआइ ने मोहाली अदालत में चार जुलाई 2019 को अपनी क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी। इसमें डेरा प्रेमी महिंदर पाल बिट्टू, शक्ति सिंह और सुखजिंदर सिंह सन्नी को बेकसूर बताया था। क्लोजर रिपोर्ट पर अब तक अदालत का फैसला नहीं आया है।

सात अगस्त को इस पर सुनवाई होगी। केस के सीबीआइ अदालत में लंबित होने बावजूद एसआइटी ने उन्हें गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर हिरासत में रखा और चालान भी पेश कर दिया। याचिका में यह भी कहा गया कि एक दिन पहले सीबीआइ ने मोहाली की अदालत में अर्जी दाखिल कर एसआइटी की जांच पर सवाल उठाते हुए इसे रोकने की मांग की है।

सीबीआइ की इस अर्जी पर 10 जुलाई को सुनवाई होगी, इसलिए एसआइटी की ओर से डेरा प्रेमियों के खिलाफ पेश किया गया चालान रद कर उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। इसके अलावा एक दलील यह भी दी गई है कि एक ही केस की दो एजेंसियों द्वारा जांच नहीं की जानी चाहिए।


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