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बाबा फरीद का पांच दिवसीय आगमन पर्व आज से शुरू

12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का पांच दिवसीय आगमन पर्व शनिवार की सुबह छह बजे टिल्ला बाबा फरीद में सुखमनी साहिब के पाठ के साथ शुरू हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 04:39 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 04:39 PM (IST)
बाबा फरीद का पांच दिवसीय आगमन पर्व आज से शुरू
बाबा फरीद का पांच दिवसीय आगमन पर्व आज से शुरू

जागरण संवाददाता, फरीदकोट : 12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का पांच दिवसीय आगमन पर्व शनिवार की सुबह छह बजे टिल्ला बाबा फरीद में सुखमनी साहिब के पाठ के साथ शुरू हो रहा है। कोरोना महामारी को देखते हुए मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय मेला इस बार सरकारी स्तर पर नहीं मनाया जा रहा है। यहीं नहीं दूसरे सभी आयोजकों को मेले में प्रतिभाग करने से रोक दिया गया है। मात्र टिल्ला बाबा फरीद द्वारा सीमित कार्यक्रम के तहत आगमन पर्व मनाया जा रहा है।

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आगमन पर्व पर पिछले तीन दशकों से पंजाब ही नहीं आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में नतमस्तक होने के लि श्रद्धालु व व्यापार करने के लिए व्यापारी पहुंचते रहे हैं। इस बार ट्रेनें न चलने से व्यापारियों व श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम है। हालांकि गुब्बारा व खिलौना बेचने के लिए कई दुकानदार उत्तर प्रदेश के एटा, अलीगढ़ के अलावा राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से आ गए है। एटा से आए विजय कुमार ने बताया कि उन्हें तो पता ही नहीं था कि इस बार पांच दिवसीय मेला नहीं लग रहा है। वह परिवार सहित मेले में खिलौने व गुब्बारे बेचने आए हैं। इस बार मेले का स्वरूप सीमित

बाबा फरीद टिल्ला के सेवादार एडवोकेट महीपइंद्र सिंह सेखो ने बताया कि 19 से 23 सितंबर तक बाबा फरीद आगमन पर्व पिछले तीस सालों से मनाया जाता रहा है। इस बार कोरोना महामारी के कारण मेले का स्वरूप बेहद सीमित कर दिया है। इस बार तीन ही कार्यक्रम टिल्ला बाबा फरीद पर हो रहे है और श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वह लोग अपने घरों पर ही रह कर कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण देखे। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई हिदायतों का पालन किया जा रहा है।

काफिला-ए-विरासत इस बार नहीं देख पाएंगे लोग

पिछले तीस सालों से 19 सितंबर को आगमन पर्व की शुरूआत अवसर पर टिल्ला बाबा फरीद से रेस्ट हाऊस तक काफिला-ए-विरासत की शोभा यात्रा निकली जाती रही है और रेस्ट हाऊस में विरासती वस्तुओं के अलावा पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगती रही है। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते रहे है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण लोगों यह सब कार्यक्रम देखने को नहीं मिलेंगे।


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