Faridkot Farmers agitation: किसानों के संघर्ष के आगे झुकी सरकार, मांगें मानीं; धरना खत्म
Faridkot Farmers agitation सरकार ने किसानों की मांगें मान ली हैं। इसके बाद जैतो में चल रहे धरने को किसानों ने खत्म कर दिया है।
जेएनएन, जैतो [फरीदकोट]। Faridkot Farmers agitation: जैतो में एसडीएम दफ्तर के सामने लगे धरने में आत्महत्या करने वाले बठिंडा के किसान जगसीर सिंह का गत दिवस अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। जैतो मार्केट कमेटी दफ्तर में प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों व भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर के मध्य साढ़े चार घंटे में दो बार बैठक के बाद धरना हटाने पर सहमति बनी। सरकार ने किसान यूनियन की मांगें मान ली, जिसके बाद धरना खत्म कर दिया गया।
प्रदेश सरकार से किसान नेता पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता स्वरूप एक करोड़ रुपये मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे। पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी शनिवार से ही यूनियन नेताओं का मनाने में लगे रहे थे। उनके असफल होने पर सरकार के वार्ताकारों ने मोर्चा संभाला था। ऐसे में यूनियन ने सोमवार को जैतो में प्रदेश स्तरीय रोष प्रदर्शन की घोषणा की थी। इस निर्णय को देखते हुए सुबह से शाम चार बजे वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से कई दौर वार्ता की हुई, परंतु यूनियन प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता के लिए अडिग थी। इसके बाद अधिकारियों ने यूनियन की मांग सरकार तक पहुंचाई गई।
किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं, इसलिए धरना समाप्त कर दिया गया है। शाम पांच बजे सरकार की ओर से यूनियन से वार्ता करने के लिए मुख्यमंत्री के ओएसडी संदीप संधू व मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कुशलदीप सिंह ढिल्लों पहुंचे। शाम पांच बजे मार्केट कमेटी दफ्तर में बैठकों का दौर यूनियन के पांच वरिष्ठ नेताओं के साथ शुरू हुआ। बैठक में फिरोजपुर रेंज के आइजी बी चंद्रशेखर, बङ्क्षठडा रेंज के आइजी हरदयाल सिंह मान, फरीदकोट के डिप्टी कमिश्नर कुमार सौरभ राज व फरीदकोट के एसएसपी मनजीत सिंह ढेसी भी शामिल थे।
हाईवे व रेल ट्रैक जाम करने के लिए शव जीप में रख किसान तैयार खड़े
एक ओर यूनियन, पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों के मध्य बैठकों का दौर जारी था, दूसरी ओर यूनियन अपने हक में फैसला न होने की स्थिति में संघर्ष को और तेज करने के लिए तैयार थी। इसके लिए एसडीएम दफ्तर में किसान के शव को जीप में रखकर हाईवे या फिर रेलवे ट्रैक जाम करने को लेकर यूनियन सदस्य तैयार खड़ी रही।
सरकार के वार्ताकारों व किसानों में ये हुआ फैसला
- एक महीने के अंदर अंदर रद होंगे पराली जलाने को लेकर सभी दर्ज मामले
- 12 दिन में रिकॉर्ड से रेड एंट्री हटाई जाएगी।
- मृतक किसान का सारा कर्ज होगा माफ
- मृतक के परिवार के एक मेंबर को रेगुलर सरकारी नौकरी दी जाएगी।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें