फरीदकोट में यातायात व्यवस्था चरमराई
शहर के मुख्य मेन बाजार, कम्मेआना चौक व भीड़ भाड़ वाले इलाकों में हर रोज बार-बार ट्रैफिक समस्या पैदा होने से शहर पूरी तरह से बेहाल हो जाता है, कभी कबार तो नौबत यहां तक जाती है कि एम्बुलेंस को भी जाने का रास्ता नहीं मिल पाता है। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज आने-जाने वाले बच्चों और अपने कामकाज पर जाने वाले लोगों को भी ट्रैफिक समस्या की वजह से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट
शहर के मेन बाजार, कम्मेआना चौक व भीड़ भाड़ वाले इलाकों में हर रोज बार-बार ट्रैफिक समस्या पैदा होने से शहर बेहाल हो जाता है। शहर में तैनात ट्रैफिक कर्मचारी भी कहीं पर दिखाई नहीं दे रहे हैं। यदि कुछ ट्रैफिक अधिकारी-कर्मचारी दिखाई देते हैं तो वो सिर्फ चौकों यहां से अधिकारियों का आना-जाना रहता है, में ही ड्यूटी करते दिखाई देते है जोकि चालान काट कर महज अपनी खानापूर्ति करते नजर आते हैं।
जिला प्रशासन द्वारा शहर में बनाया गया वन-वे भी पूरी तरह से नाकाम हो चुका है। शहर में खरीददारी के लिए आने वाले लोगों द्वारा भी सड़कों को ही पार्किंग बनाकर अपनी मनमर्जी से वाहन खड़े कर दिए जाते हैं, जिनको रोकने के लिए ट्रैफिक अधिकारी कर्मचारी कोशिश करना तो दूर, सोचना भी जरूरी नहीं समझते हैं।
शहर में मात्र खानापूर्ति के लिए ट्रैफिक कर्मचारी बस स्टैंड व भाई घन्यैहा चौक जहां से अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है, की तरफ ही ध्यान देते है और उनका ट्रैफिक व्यवस्था को सही ढंग से चलाने की तरफ जरा भी ध्यान नहीं है। इसके कारण शहर में लोग ट्रैफिक समस्या से भारी परेशान हैं। स्थानीय तलवंडी चौक के पास जब बच्चों को छूट्टी होती है तो वहां कई-कई घंटे जाम लगा रहता है, जिसकी वजह से स्कूली बच्चे काफी दिक्कतें झेलते नजर आते हैं। वहीं, दूसरी तरफ ट्रैफिक कर्मचारियों को रोड पर खड़े होकर ड्यूटी करने से काफी दिक्कत होती है। इनसेट
सुधार के लिए किए जाते हैं पूरे प्रयत्न : ट्रैफिक इंचार्ज
ट्रैफिक इंचार्ज खुश¨वदर ¨सह का कहना है कि हमारे पास मुलाजिमों की भारी कमी है। ट्रैफिक व्यवस्था का सुधार करने के पूरे प्रयत्न किए जाते हैं और लोगों को भी हमारा साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम किसी भी व्यक्ति को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन नहीं करने देंगे। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।