पैसा खर्च कर सर्वसम्मति से सरपंच बने कई दावेदार
जिले में पंचायत चुनावों के दौरान 243 ग्राम पंचायतों में से 45 पंचायतों का सर्वसम्मति से चयन हुआ है लेकिन सर्वसम्मति से चुने गए सरपंच व पंचों को पैसा खर्च पड़ा है। ब्लाक फरीदकोट के गांव डल्लेवाला में सर्वसम्मति से सरपंच बनीं 60 वर्षीय कर्मजीत कौर को भी अपने नाम पर सर्वसम्मति करवाने के लिए गांव के सरकारी स्कूल को एक एकड़ जमीन और गांव के धार्मिक स्थलों को
जिले में पंचायत चुनावों के दौरान 243 ग्राम पंचायतों में से 45 पंचायतों का सर्वसम्मति से चयन हुआ है लेकिन सर्वसम्मति से चुने गए सरपंच व पंचों को पैसा खर्च पड़ा है। ब्लाक फरीदकोट के गांव डल्लेवाला में सर्वसम्मति से सरपंच बनीं 60 वर्षीय कर्मजीत कौर को भी अपने नाम पर सर्वसम्मति करवाने के लिए गांव के सरकारी स्कूल को एक एकड़ जमीन और गांव के धार्मिक स्थलों को 8 लाख रुपये दान देने पड़े है।
दो सप्ताह पहले गांव डल्लेवाला में सरपंच पद के लिए कर्मजीत कौर की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद समूह गांववासियों ने स्वीकृति देते हुए निर्णय लिया गया था कि उनके खिलाफ कोई भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं करेगा। इसके बावजूद गांव के एक पूर्व सैनिक ने कर्मजीत कौर के खिलाफ नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। गांववासियों ने उन्हें काफी मनाना चाहा लेकिन वह चुनाव लड़ने की घोषणा पर कायम रहे। काफी खींचतान के बाद कर्मजीत कौर के परिवार द्वारा गांव के सरकारी स्कूल को एक एकड़ जमीन देने और धार्मिक स्थलों को 8 लाख रुपये दान देने का ऐलान किए जाने पर पूर्व सैनिक ने अपना नामांकन वापस लिया।
नवनिर्वाचित सरपंच कर्मजीत कौर के बेटे वीरपाल ¨सह ने कहा उनका परिवार अगले दस दिनों में एक एकड़ जमीन को स्कूल के नाम पर करवा देगा। जमीन मिलने के बाद उक्त हाई स्कूल के सीनियर सेकेंडरी स्तर पर अपग्रेड होने का रास्ता साफ हो जाएगा। डल्लेवाला कोई पहला ऐसा गांव नहीं है जहां सरपंच या पंच का निर्विरोध चुनाव बिना किसी पैसे खर्च के हुआ हो। अन्य गांवों में भी निर्विरोध चुने गए उम्मीदवारों को कई वादे पूरे करने पड़े है जिनमें गांव वाटर वर्क्स के बिजली बिल के बकाया का भुगतान करने से लेकर गांव के शमशान घाट की चारदीवारी करवाने और गुरुद्वारा साहिब को दान करना आदि शामिल है।