Move to Jagran APP

अपनी परम सत्ता को पहचाने नारी : गौरी भारती

श्री दुर्गा माता मंदिर देवस्थानम में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा जीरी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 03:39 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 03:39 PM (IST)
अपनी परम सत्ता को पहचाने नारी : गौरी भारती
अपनी परम सत्ता को पहचाने नारी : गौरी भारती

संवाद सूत्र, कोटकपूरा

prime article banner

श्री दुर्गा माता मंदिर देवस्थानम में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी गौरी भारती ने द्रौपदी प्रंसग की महिमा को बताते हुए कहा कि आज हमारे भारतीय समाज की हालात बहुत ज्यादा दयनीय हो चुकी है। इसका कारण यह कि आज की नारी स्वयं पथभ्रष्ट हो चुकी है। एक नारी वह थी, जिसने सारा समय ही समाज को दिया जिस कारण आज समाज उनकी उदाहरण एवं मिसाल देता है।

जैसे-झांसी की रानी, अहिल्या बाई, गार्गी, संत सुजाता, मीरा बाई। यह वह नारियां थी जिन्होंने समाज की रूप रेखा ही बदल दी। नारी चाहे तो घर को स्वर्ग बना सकती है और अगर नारी चाहे तो घर को नरक बना सकती है। और आज समाज मे यही हो रहा है। आज की नारी इतनी व्यस्त है कि अपने बच्चों को जन्म तो दे देती है, पर अच्छे संस्कार देना भूल जाती है। जिस कारण आज बच्चे सही दिशा और सही मार्ग पर नहीं चल रहे। क्योंकि मां उसे सब कुछ बना देती है पर भक्त और भक्ती के मार्ग पर चलाना भूल जाती है। जीवन में पहले नारी खुद परमसत्ता को जाने, उस ज्ञान दीक्षा को स्वयं हासिल करें तभी हम उन्हें गुरु की शरण में जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

जोत प्रज्वलित की रस्म अशोक दिओड़ा (प्रधान), शंकर दास शर्मा, परम दास कुमार, रविदर कुमार जी, कंवलजीत सिंह और आनंद अरोडा द्वारा पूर्ण की गई। बहनों द्वारा सुमधुर भजनों का गायन किया गया और प्रभु की पावन पुनीत आरती के साथ समापन किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.