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धान खरीद में देरी से गुस्साए किसानों ने तीन घंटे किया चक्का जाम

भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर जिला फरीदकोट के आह्वान पर जत्थेबंदी के ब्लाक फरीदकोट प्रधान चरनजीत ¨सह सुखणवाला व ब्लाक सादिक के सीनियर मीत प्रदान जगदीश ¨सह जनेरिया की प्रधानगी में दोनों ब्लाकों के किसानों द्वारा पिपली के सेमनाले के पुल पर रोष धरना देते हुए करीब तीन घंटे तक जाम लगाया। रोष धरने में जिला प्रधान बोहड़ ¨सह रुपईयां वाला, जिला नेता मेजर ¨सह झोटीवाला व तोता ¨सह जंडवाला विशेष तौर पर उपस्थित हुए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 05:52 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 05:52 PM (IST)
धान खरीद में देरी से गुस्साए किसानों ने तीन घंटे किया चक्का जाम
धान खरीद में देरी से गुस्साए किसानों ने तीन घंटे किया चक्का जाम

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

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भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर जिला फरीदकोट के आह्वान पर जत्थेबंदी के ब्लाक फरीदकोट प्रधान चरनजीत ¨सह सुखणवाला व ब्लाक सादिक के सीनियर मीत प्रदान जगदीश ¨सह जनेरिया की प्रधानगी में दोनों ब्लाकों के किसानों द्वारा पिपली के सेम नाले के पुल पर रोष धरना देते हुए करीब तीन घंटे तक जाम लगाया। रोष धरने में जिला प्रधान बोहड़ ¨सह रुपईयां वाला, जिला नेता मेजर ¨सह झोटीवाला व तोता ¨सह जंडवाला विशेष तौर पर उपस्थित हुए।

जिला प्रधान बोहड़ ¨सह ने कहा कि ब¨ठडा में 10 नवंबर से चार जिलों के किसान नेता ब¨ठडा के जिला प्रधान बलदेव ¨सह, श्री मुक्तसर साहिब के जिला प्रधान सुखदेव ¨सह बूड़ा गुज्जर, फरीदकोट के जिला प्रधान मेजर ¨सह बाजाखाना व मानसा के जिला प्रधान उग्र ¨सह मरणव्रत पर बैठे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। इन नेताओं की सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाने के लिए आज का यह चक्का जाम (12 बजे से 3 बजे तक) किया गया। उन्होंने कहा कि किसान मांग कर रहे हैं कि अब जो धान की देरी से कटाई हो रही है वो सरकार की गलती के कारण हो रही है। सरकार को नमी वाली शर्त को खत्म करके तुरंत धान की खरीद को यकीनी बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि धान कटाई लेट होने के कारण गेहूं की बिजाई भी लेट होगी। इससे गेहूं की फसल का झाड़ भी कम होगा। जिसकी पूर्ति के लिए सरकार को 400 से 500 रुपये बोनस देना चाहिए। उन्होंने मांग की आगामी वर्ष से धान की बिजाई 01 जून से करने के आदेश दिए जाएं। इसके अलावा पराली जलाने के कारण किसानों पर दर्ज किए पर्चों को तुरंत रद्द किया जाए, इसमें किसानों का कोई कसूर नहीं है। क्योंकि सरकार ने धान की बिजाई ही लेट कर दी थी। जिससे धान की कटाई भी लेट हुई और किसान के पास गेहूं की फसल लगाने के लिए धान की पराली को आग लगाने के अलावा ओर कोई इंतजाम नहीं था।

इस मौके पर बख्तौर ¨सह सादिक, गुरमीत ¨सह वीरेवाला, जगसीर ¨सह मिड्डू मान, हरजीत ¨सह साधूवाला, गुरजंट ¨सह, करतार ¨सह किल्ली, गमदूर ¨सह अहिल, गमदूर ¨सह शेर ¨सह वाला, हरनेक ¨सह मिड्डूमान, सूबेदार हरमेल ¨सह, ¨छदा ¨सह बीहलेवाला, बल¨जदर ¨सह, सुखदेव ¨सह मचाकी, चंद ¨सह, बूटा ¨सह मचाकी खुर्द, सुखमंदर ¨सह, हर¨जदर ¨सह, गुरमीत ¨सह, जगतार ¨सह मानी ¨सह वाला, सुखदेव ¨सह जनेरिया, ¨छदा ¨सह घुद्धूवाला, काला ¨सह नत्थलवाला, गुरदास ¨सह पिपली, सुखदेव ¨सह गोलेवाला, केवल ¨सह, ¨नदर ¨सह पक्खी, इकबाल ¨सह काबलवाला, ¨शदर ¨सह भागथला, नछत्तर ¨सह भागथला, रणजीत ¨सह डल्लेवाला, मंदर ¨सह डल्लेवाला, नछत्तर ¨सह, गुरदीप ¨सह और गुरबाज ¨सह साधूवाला आदि उपस्थित थे। इनसेट

ये हैं किसानों की मांगें

धान की बिजाई लेट होने के कारण जो धान का झाड़ कम निकला है उसकी पूर्ति के लिए सरकार को 500 रुपये प्रति ¨क्वटल बोनस देना चाहिए। मंडियों में धान की खरीद सरकार न करनी है, इस लिए शैलर मालिकों की मंडियों में दखलअंदाजी को बंद किया जाए।


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