इमरजेंसी को छोड़ दूसरे वार्डो में मरीजों का दाखिला बंद
सरकारी अस्पताल में सेहत सुविधाएं मंगलवार को दूसरे दिन भी बेपटरी रही।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
सरकारी अस्पताल में सेहत सुविधाएं मंगलवार को दूसरे दिन भी बेपटरी रही। एनएमएम कर्मी, ओट सेंटर कर्मी व नर्सिंग स्टाफ पूरी तरह से कामकाज ठप कर अनिश्चितकालीन धरने पर डटा रहा। अस्पताल उपचार समेत दूसरे काम के लिए आने वाले लोगों को भारी परेशानी हुई।
हड़ताल में सरकारी अस्पतालों के डाक्टर शामिल नहीं हुए। डाक्टरों ने ओपीडी में मरीजों को देखा, परंतु सामान्य रोगियों को हड़ताल के कारण अस्पताल में दाखिल करने से बचते रहे। कई मरीजों को मेडिकल कालेज अस्पताल में दाखिल होने की सलाह दी गई। कुछ डाक्टरों को फार्मासिस्टों का भी काम करते हुए देखा गया। यह स्थित मरीजों के लिए थोड़ी राहतजनक रही। बुधवार को सार्वजनिक अवकाश उपरांत वीरवार को अस्पताल खुलेंगे तो यह देखने वाली बात होगी कि अस्पताल की क्या स्थित होती है।
एनएचएम और ओट सेंटरों पर कार्य करने वाले कच्चे कर्मियों ने कहा कि वह लोग दस साल से ज्यादा समय से अपनी सेवाएं विभाग को दे रहे हैं। विभाग उन लोगों को रेगुलर करे, जिससे वह लोग भी अपना व अपने परिवार का भली-भांति भरण-पोषण कर सकें।
एसएमओ डा. चंद्रशेखर कक्कड़ ने कहा कि कर्मियों की मांगे प्रदेश सरकार से है, इस पर वह कुछ नहीं कह सकते है। कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल का काम 70 फीसद तक प्रभावित हुआ है। नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल में दाखिल मरीजों को ज्यादा मुश्किलें पेश आ रही है, उनके पास जो 30 फीसद स्टाफ बचा हुआ है। उन सबकी छुट्टियां रद कर किसी तरह से जरूरी सभी काम चलाने का प्रयास कर रहे है, ताकि लोगों को ज्यादा परेशानी न पेश आए।