नामाकन प्रक्रिया शुरू होने में नौ दिन बाकी, किसी पार्टी ने नहीं की प्रत्याशिओ की घोषणा
नगर कौंसिल चुनाव में नामाकन प्राक्रिया शुरु होने में अब नौ दिन बचे हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
नगर कौंसिल चुनाव में नामाकन प्राक्रिया शुरु होने में अब नौ दिन से भी कम का समय बचा है, और किसी भी पार्टी द्वारा अभी तक अपने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया गया है। प्रत्याशियों की घोषणा न होने से जितना असमंजस्य में चुनाव लड़ने के इच्छुक है, उससे कहीं ज्यादा मतदाताओं में भी उत्सुकता दिखाई दे रही है कि उनके वार्ड से कौन और किस पार्टी से प्रत्याशी होगा।
फरीदकोट जिले के तीनों नगर कौंसिलों में कुल 70 वार्ड है, जिनमें चुनाव हो रहे है। इन वार्डो में काग्रेस के अलावा भाजपा, शिअद व आम आदमी पार्टी के भी पार्षद उम्मीदवार खड़े होने है परंतु अभी किसी भी पार्टी के अधिकारिक रूप से प्रत्याशी घोषित नहीं हुए है। प्रत्याशियों के घोषित न होने के पीछे बताया जा रहा है कि सभी पाíटया एक-दूसरे के प्रत्याशियों पर निगाह लगाए हुए है। काग्रेस द्वारा लिए आवेदनों की छटनी का काम चल रहा है, जिस पर अगले चार से पाच दिनों में बैठक होने के बाद प्रत्याशियों के घोषणा होने की आशा है। इसी तरह से आम आदमी पार्टी द्वारा प्रदेश के कुछ नगर कौंसिलों में प्रत्याशियों की घोषणा तो कर दी गई, परंतु फरीदकोट जिले के किसी भी नगर कौंसिल में कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। इसी तरह से भाजपा व शिअद भी अभी तक प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है।
प्रत्याशियों की घोषणा न किए जाने के पीछे बताया जा रहा है, कि सभी पाíटयों के नेता एक-दूसरे के प्रत्याशियों पर नजर लगाए हुए हैं ताकि अपनी पार्टी का दमदार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा जा सके। काग्रेस पार्टी की बात की जाए तो, फरीदकोट नगर कौंसिल में उसने सभी वार्डो के लिए प्रत्याशियों को चिन्हित कर लिया है, और उन्हें वार्डो में सक्रिय होने को कह दिया गया, परंतु जब तक पार्टी द्वारा अधिकारिक सूची जारी नहीं हो जाती तब तक प्रत्याशी भी खुल कर लोगों को अपने चुनाव लड़ने की बात नहीं कर रहे हैं।
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कोटकपूरा व जैतो में टिकट को लेकर काग्रेस में घमासान
नगर कौंसिल पर जिस गुट का कब्जा होगा, समझो उसकी विधानसभा टिकट के लिए दावेदारी भी पक्की होगी। इस स्थित से काग्रेस पार्टी के कोटकपूरा व जैतो के स्थानीय क्षत्रप भलीभाति अवगत है। इसलिए पार्टी के निर्देश के बावजूद यहा के क्षत्रपों ने अपनी-अपनी संख्या बल मजबूत करने के लिए अपने-अपने समर्थकों द्वारा टिकट की दावेदारी कर है। अब यह देखने वाली बात होगी की आने वाले समय में किस गुट के कितने लोगों को टिकट मिल मिलेगी।