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सार्वजनिक छप्पड़ बंद करने पर रोक

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट फरीदकोट गुरजीत ¨सह पीसीएस ने फौजदारी जाबता संहिता 1973 की धारा 144 अधीन मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिला फरीदकोट में पाबंदियों के हुक्म जारी किए हैं। यह आदेश 15 मार्च 2019 तक लागू रहेंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 06:00 PM (IST)
सार्वजनिक छप्पड़ बंद करने पर रोक
सार्वजनिक छप्पड़ बंद करने पर रोक

जागरण संवाददाता, फरीदकोट

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अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट फरीदकोट गुरजीत ¨सह पीसीएस ने जिला फरीदकोट में पाबंदियों के हुक्म जारी किए हैं। यह आदेश 15 मार्च 2019 तक लागू रहेंगे।

उन्होंने फरीदकोट के ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक छप्पड़ बंद करने पर पाबंदी लगाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों व पंचायतों की तरफ से छप्पड़ बंद करने का काम किया जाता है जिस वजह से गांवों के पानी की निकासी रुक जाती है जिस कारण झगड़ा होने का अंदेशा बना रहता है। इसके चलते ही यह पाबंदी लगाई गई है।

जिले की सीमाओं के अंदर लाउड स्पीकर लगाने पर पाबंदी लगाई है। इसके साथ ही शहरी इलाके में उप मंडल मेजिस्ट्रेट की इजाजत के बगैर गली, मोहल्लों में धार्मिक या खुशी आदि के समागमों के समय पब्लिक स्थानों पर टेंट लगाकर कोई भी धार्मिक प्रोग्राम, जलसा, रैलियां आदि नहीं किया जा सकता। इसी तरह जिले में अमन कानून की स्थिति बनाए रखने के मद्देनजर पांच या पांच से ज्यादा व्यक्तियों के जमा होने पर पाबंदी लगा दी गई है। किसी भी सार्वजनिक स्थल पर पांच या उससे ज्यादा व्यक्तियों के इकठ्ठा होकर मी¨टग करने, नारे लगाने, बिना अग्रिम सूचना के धार्मिक जुलूस निकालने और प्रचार करने की मनाही के हुक्म जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि सिर्फ विशेष हालत या मौकों पर प्रबंधकों की तरफ से लिखित आवेदन करने पर सम्बंधित उप मंडल मजिस्ट्रेट से लिखित इजाजत लेकर ही पब्लिक मी¨टगें करने और धार्मिक जुलूस बगैरा शर्तों अनुसार ही निकाले जा सकते हैं। यह हुक्म सरकारी ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों, होम गा‌र्ड्स, सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और विवाह शादियों और शांतिमय ढंग के साथ किये जा रहे जुलूस पर लागू नहीं होगा।

किसी भी रेस्टोरेंट, ढाबे ,चाय की दुकानों आदि पर घरेलू गैस सिलेंडरों का प्रयोग पर भी पाबंदी लगाई है।


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