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गर्ल एजुकेशन अवेयरनेस को बनाया डॉ. वीना ने मिशन

शिक्षा जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और महिला के अधिकारों की रक्षा करने में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह ¨लग के आधार पर उनसे होने वाले भेदभाव को रोकने में भी मदद करती है। ऐसे में लड़कियों को जीवन के मार्ग को चुनने का अधिकार देने का पहला कदम भी शिक्षा है जिसके माध्यम वह आगे बढ़ती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 04:14 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 04:14 PM (IST)
गर्ल एजुकेशन अवेयरनेस को बनाया डॉ. वीना ने मिशन
गर्ल एजुकेशन अवेयरनेस को बनाया डॉ. वीना ने मिशन

राजीव शर्मा, जैतो (फरीदकोट) : शिक्षा जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और महिला के अधिकारों की रक्षा करने में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह ¨लग के आधार पर उनसे होने वाले भेदभाव को रोकने में भी मदद करती है। ऐसे में लड़कियों को जीवन के मार्ग को चुनने का अधिकार देने का पहला कदम भी शिक्षा है, जिसके माध्यम वह आगे बढ़ती है। इसी विचारधारा को एक मिशन के रूप में अपनाते हुए रानी लक्ष्मी बाई वेलफेयर क्लब से जुड़ी शिक्षा शास्त्री व ¨प्रसिपल डॉ. वीना गर्ग द्वारा समाज के हर वर्ग के लोगों को अपनी लड़कियां को शिक्षित करने के लिए जागरूक करने में अहम योगदान दिया जा रहा है। पिछले एक साल के दौरान ¨प्रसिपल डॉ. वीना गर्ग द्वारा 100 से ज्यादा छोटे बड़े जागरूकता सेमीनार आयोजित करवाए जा चुके हैं, जिसमें गर्ल एजुकेशन पर जोर दिया जाता है।

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देश की वृद्धि के लिए लड़कियों की शिक्षा आवश्यक

¨प्रसिपल डॉ. वीना गर्ग का मानना है कि भारत में लड़कियों की शिक्षा देश की वृद्धि के लिए काफी हद तक आवश्यक है, क्योंकि लड़कियां लड़कों की तुलना में बेहतर काम कर सकती हैं। शिक्षित महिलाओं ने पेशेवर क्षेत्रों चिकित्सा, रक्षा सेवाओं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपने योगदान से भारतीय समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। बेहतर अर्थव्यवस्था और बेहतर समाज लड़कियों की शिक्षा का ही नतीजा है। प्रारंभिक भारतीय समाज में लड़कियों की शिक्षा काफी अच्छी थी, लेकिन मध्य युग में महिलाओं के लिए कई सीमाओं की वजह से इतनी अच्छी नहीं थी। हालांकि इसके बाद यह दिन-प्रतिदिन और बेहतर हो रही है, क्योंकि भारत में लोगों ने इस तथ्य को समझ लिया है कि महिलाओं के विकास और प्रगति के बिना देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था की तरफ से सेमिनार के माध्यम से लोगों को इस बात के प्रति जागरूक किया जाता है कि एक सुशिक्षित लड़की ही देश व परिवार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एक शिक्षित लड़की विभिन्न क्षेत्रों में पुरुषों के काम और बोझ को सांझा कर सकती है। आर्थिक संकट के इस युग में लड़कियों के लिए शिक्षा एक वरदान है। वर्तमान युग में एक मध्यवर्गीय परिवार की जरूरतों को पूरा करना वास्तव में कठिन है। शादी के बाद अगर शिक्षित लड़की काम करती है, तो वह अपने पति के साथ परिवार के खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है। साथ ही वह अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर सकती है और उनकी पढ़ाई में भी मदद कर सकती है। डॉ. वीना गर्ग के अनुसार समाज व देश का सुधार लड़कियों की शिक्षा पर निर्भर करता है इसलिए लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना समय की सबसे बड़ी जरूरत है।


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