बाबा फरीद की वाणी सुन निहाल हुई संगत
12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का पांच दिवसीय आगम दिवस मनाया गया
जागरण संवाददाता, फरीदकोट : 12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का पांच दिवसीय आगमन के अंतिम दिन टिल्ला बाबा फरीद पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब। हालांकि सुबह के समय मूसलाधार बारिश व शहर के विभिन्न हिस्सों की सड़कों पर जमा तीन फुट तक बारिश का पानी भी श्रद्धालुओं के उत्साह को नहीं रोक पाया, हजारों की संख्या में श्रंद्धालु बाबा फरीद टिल्ला नतमस्तक होने के लिए पहुंचे।
23 सितंबर को बाबा फरीद आगमन पर्व के अंतिम दिन टिल्ला बाबा फरीद पर रखे गए श्री अखंड साहिब के पाठ का भोग डाला गया, इस दौरान जिले के पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों के अलावा धार्मिक क्षेत्र से जुड़ी शख्सियत मौजूद रहीं। बारिश के कारण कई कार्यक्रम टिल्ला बाबा फरीद सोसाइटी द्वारा रद्द करने पड़े। गुरुद्वारा टिल्ला बाबा फरीद को रंग-बिरंगे फूलों के साथ सजाया गया, जो कि लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे, यहीं नहीं गुरू महाराज जी पालकी का भी विहंगम श्रृंगार किया या गया था, जिसकी शोभा देखते ही बन रही थी। टिल्ला बाबा फरीद की ओर आने वाले सभी रास्तों पर कालीन बिछाने के साथ ही टेंट भी लगाए थे।
बाबा फरीद आगमन पर्व पर लगने वाले लंगरों की संख्या गत वर्ष के मुकाबले थोड़ी ज्यादा जरूर रही, परंतु कोरोना काल से पहले वाले सालों के मुकाबले दस फीसदी लंगर लगे। बारिश होने के कारण लंगर आयोजकों को लंगर बनाने और उसे लोगों को खिलाने के लिए देने में बड़ी परेशानी पेश आई, परंतु दोपहर के समय बारिश के थमने पर लोग घरों से बाहर निकले और लंगर ग्रहण किया।