गांव के किसानों ने 75 प्रतिशत क्षेत्र में धान की सीधी बिजाई का लिया फैसला
पंजाब सरकार और कृषि विभाग द्वारा धान की सीधी बुवाई के लिए किसानों से की गई अपील ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है।
दीपक गर्ग, कोटकपूरा
पंजाब सरकार और कृषि विभाग द्वारा धान की सीधी बिजाई के लिए किसानों से की गई अपील ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। हालांकि, सरकार एक गांव में कम से कम 10 प्रतिशत सीधी बिजाई के लिए प्रोत्साहित कर रही थी, लेकिन फरीदकोट जिले का हरदियालाना गाँव पंजाब भर के किसानों का रोल मॉडल या रोडमैप हो सकता है। इस गांव के किसानों ने 1200 एकड़ में धान की डीएसआर प्रत्यक्ष डीएसआर बुवाई मशीन द्वारा की गई है और अभी भी अधिक भूमि बोई जा रही है।
प्रगतिशील किसान अधिवक्ता कुलविदर सिंह संधू, महिदर सिंह, जसवीर सिंह, दलजीत सिंह, गुरभेज सिंह ने बताया कि अगर सरकार लगातार नहर का पानी और बिजली मुहैया कराती है, तो गांव हरदियालेआना के किसान कम से कम 300 एकड़ में खेती कर सकेंगे। जो जमीन धान की सीधी बुवाई के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के निर्देशों के बावजूद, ग्राम हरदियालेआना के किसानों ने सुबह, दोपहर, शाम और रात में सीधे 6 से 8 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की दर से धान बोया था। अब निसरे धान ने सभी संदेहों को दूर कर दिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि इससे श्रम की भी कमी होती है, पानी और धन की भारी बचत होती है, पहले की तुलना में कम श्रम में उपज में वृद्धि होती है। पर्यावरणविद गुरविदर सिंह जलालेआना ने पंजाब भर के गांवों, कस्बों और शहरों के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के किसानों को भी इससे प्रेरणा लेने की सलाह दी है। इनसेट
रोल मॉडल बनेगा गांव : डॉ. हरनेक सिंह
मुख्य कृषि अधिकारी फरीदकोट डॉ हरनेक सिंह रोडे ने गांव हरदियालेआना के किसानों की पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृषि विभाग इस गांव को अन्य गाँवों के किसानों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेगा। ताकि अन्य किसान भी इस प्रेरणादायक पहल से लाभान्वित हो सकें।