22 परीक्षा केंद्रों पर दोबारा हुई डेंटल डाक्टरों की भर्ती परीक्षा
डेंटल डाक्टरों की भर्ती परीक्षा वीरवार को दोबारा बाबा फरीद यूनिर्वसिटी प्रशासन द्वारा ली गई। परीक्षा के लिए चंडीगढ़ के अलावा प्रदेश के पांच जिलो में 22 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इन परीक्षा केंद्रों पर 35 पदों के लिए लगभग 4000 परीक्षार्थियों ने भाग लिया।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट : डेंटल डाक्टरों की भर्ती परीक्षा वीरवार को दोबारा बाबा फरीद यूनिर्वसिटी प्रशासन द्वारा ली गई। परीक्षा के लिए चंडीगढ़ के अलावा प्रदेश के पांच जिलो में 22 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इन परीक्षा केंद्रों पर 35 पदों के लिए लगभग 4000 परीक्षार्थियों ने भाग लिया।
11 अक्टूबर को तरनतारन जिले के गोविदवाल शहर में बने परीक्षा केंद्र से पेपर लीक होने की घटना को देखते हुए इस बार यूनिर्वसिटी प्रशासन द्वारा परीक्षा को लेकर व्यापक तैयारियां की गई थी। परीक्षा केंद्रों पर यूनिर्वसिटी के वाइस चांसलर डाक्टर राज बहादुर द्वारा खुद भी निरीक्षण किया गया। 11 अक्टूबर को हुई गड़बड़ी से सीख लेते हुए यूनिर्वसिटी प्रशासन द्वारा परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल समेत किसी भी प्रकार के दूसरे डिवाइस को ले जाने की इजाजत परीक्षार्थियों को नहीं दी गई।
वाइस चांसलर डाक्टर राज बहादुर ने बताया कि चंडीगढ़ व पंजाब के पांच जिलों में 22 परीक्षा केंद्रों पर 35 पदों के लिए लगभग 3850 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। सभी परीक्षा केंद्रों से उत्तरपुस्तिका आ रही है। इसके बाद उनका मूल्यांकन कर परिणाम घोषित किया जाएगा। परीक्षा दिन में 11 से 1 बजे के मध्य हुई। परीक्षा केंद्र चंडीगढ़, पटियाला, लुधियाना, जालंधर, बठिडा व फरीदकोट में बनाए गए थे।
पंजाब सरकार द्वारा सेहत विभाग में खाली पड़े सर्जन, डाक्टर्स, स्टाफ नर्स समेत लगभग चार हजार पदों पर सीधी भर्ती करने की जिम्मेदारी बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस फरीदकोट को सौंपी गई है, जिसके तहत यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा भर्तियां की जा रही है। इसी क्रम में 11 अक्टूबर को सामान्य डाक्टर, डेंटल डाक्टर व फार्मसिस्टों के लगभग 1017 पदों के लिए 11000 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। इन्हीं परीक्षाओं में से डेंटल डाक्टर्स के लिए ली जा रही परीक्षा का प्रश्नपत्र तरनतारन जिले के गोविदवाल शहर में बने परीक्षा केंद्र से लीक हो गया था। इसकी जानकारी होने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए परीक्षा परिणाम पर रोक लगाते हुए, प्रश्नपत्र लीक करने वाले परीक्षार्थी पर मुकदमा पंजीकृत करवाकर जल्द जांच करने की सिफारिश की गई थी।