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गुरु वंदना और मंगला आरती के बाद कन्य पूजन किया

दिव्य कृष्ण आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर प्रोग्राम का आयोजन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 03:17 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 03:17 PM (IST)
गुरु वंदना और मंगला आरती के बाद कन्य पूजन किया
गुरु वंदना और मंगला आरती के बाद कन्य पूजन किया

संवाद सहयोगी, कोटकपूरा

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दिव्य कृष्ण आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर प्रोग्राम का आयोजन हुआ। श्री श्री 1008 स्वामी दिव्यानन्द जी की अनुपस्थिति में उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। आश्रम संचालिका श्री श्री स्वामी कृष्णा देवा जी ने बताया कि हिदू धर्म में गुरु को भगवान से ऊंचा स्थान दिया गया है, इसलिए इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। बिना गुरु के ज्ञान नहीं मिल सकता है। तब तक मनुष्य अज्ञान रूपी अंधकार में भटकता हुआ मायारूपी सांसारिक बंधनों मे जकड़ा रहता है। जब तक कि गुरु की कृपा प्राप्त नहीं होती, मोक्ष रूपी मार्ग दिखलाने वाले गुरु हैं, गुरु की शरण में जाओ, गुरु ही सच्ची राह दिखाएंगे।

गुरु और पारस के अंतर को सभी ज्ञानी पुरुष जानते हैं। पारस मणि के विषय जग विख्यात हैं, कि उसके स्पर्श से लोहा सोने का बन जाता है। किन्तु गुरु भी इतने महान हैं, कि अपने गुण ज्ञान में ढालकर शिष्य को अपने जैसा ही महान बना लेते हैं। गुरु वंदना और मंगला आरती के बाद भंडारे और कन्या पूजन का भी आयोजन हुआ। कोविड-19 के चलते आम श्रद्धालुओं को न्योता नहीं दिया गया था, केवल आश्रम कमेटी से जुड़े श्रद्धालुओं ने ही इस समागम में भाग लिया। जिनमें प्रधान विपिन देओड़ा, आत्मदेव, प्रेम कुमार, रामकुमार, सुरिन्दर सिंह, चरणजीत सिंह, बबली, मीनू सिगला, ममता रानी शामिल थे।


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