भाजपा नेता के घर के आगे पक्का मोर्चे दौरान अजीत सिंह का जन्म दिन मनाया
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की तरफ से आज किसान नेता अजीत सिंह का जन्म दिवस बहुत ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया
संवाद सुत्र कोटकपूरा,
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की तरफ से आज किसान नेता अजीत सिंह का जन्म दिवस बहुत ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस दौरान अंग्रे•ाी साम्राज्य विरुद्ध किसानी हकों के लिए उम्र भर जूझने वाले इस किसान नेता की फोटो को सजदा करते मोमबत्तियां जला कर किया गया।
इस मौके जिला प्रधान जसपाल सिंह नंगल, •िाला जनरल सचिव नत्था सिंह रोड़ीकपूरा, भोला सिंह ब्लाक नेता जैतो, ब्लाक जैतो के प्रधान हरप्रीत सिंह दल सिंह वाला, ब्लाक जैतो जनरल सचिव बलविंदर सिंह मत्ता, जिला नेता मोहन सिंह बाड़ा भाईका, नछत्तर सिंह रण सिंह वाला आदि जैसों ने संबोधन करते चाचा अजीत सिंह ने पगड़ी संभाल जंट्टा आंदोलन से अंग्रेजी सम्राज्य की जड़ें हिला दीं थी। इस मौके उक्त के इलावा गुरसेवक सिंह भोलूवाला, बलजीत सिंह ढैपई, मन्दिर सिंह सरावा, नछत्तर सिंह, सतनाम सिंह रण सिंह वाला, जगसीर सिंह कोटसुखिया, लखविन्दर सिंह जैतो, कौर सिंह न्यामीवाला, बलविन्दर सिंह कोटकपूरा, गुरसेवक सिंह ज्युणवाला, दर्शन सिंह औलख, दिलबाग सिंह मत्ता और भी किसान आदि उपस्थित थे। --
पगड़ी संभाल जट्टा लहर के नेता अजीत सिंह का मनाया जन्म दिवस गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब)
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ गुरुद्वारा साहिब श्री 10वीं पातशाही प्योरी रेलवे फाटक के नजदीक किसान संगठनों की तरफ से सांझे मोर्च की तरफ से पगड़ी संभाल जट्टा के लहर के नेता अजीत सिंह का जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर पर किसानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। लहर के नेता अजीत सिंह के जीवन संबंधी जानकारी देते किसान नेता लखवीर सिंह, बलराज सिंह तथा कुलदीप सिंह ने बताया कि मोदी सरकार की तरह 1907 में अंग्रेज सरकार तीन किसान विरोधी कानून लेकर आई। जिसके विरुद्ध पंजाब के किसानों में बेहद रोष की भावना पैदा हुई। अंग्रेज सरकार के इन किसान विरोधी कानूनों खिलाफ अजीत सिहं ने आगे आकर किसानों को संगठित किया तथा पूरे पंजाब में बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ। मार्च 1907 में लायलपुर की एक बड़ी रैली में किसानों की दर्द भरी दास्तान वाली पढ़ी गई कविता पगड़ी संभाल जट्टा कारण अंग्रेज सेना को डर पैदा हुआ। इस आंदोलन से सेना तथा पुलिस के किसान घरों के बेटे बगावत कर सकते है। अंत में किसान आंदोलन से घबराई अंग्रेज सरकार ने मई 1907 में ही यह कानून रद्द कर दिए लेकिन अजीत सिंह को छह माह के लिए जेल में डाल दिया। 11 नवंबर 1907 को उसे रिहा कर दिया गया। किसान नेताओं ने कहा कि पगडी संभाल जट्टा लहर के नेता अजीत सिंह के रास्ते पर चलते हुए कारर्पोरेट घरानों की कठपुतली बनकर मोदी सरकार की तरफ से लोगों के लिए यह काले कानून बना दिए है। उन्होंने कहा कि किसानों की तरफ से इन काले कानूनों को रद्द करने के लिए सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ी जा रही है।