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मास्टर की घर वापसी, अपनों की होगी जद्दोजहद

जैतो के विधायक मास्टर बलदेव सिंह ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 11:46 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 11:46 PM (IST)
मास्टर की घर वापसी, अपनों की होगी जद्दोजहद
मास्टर की घर वापसी, अपनों की होगी जद्दोजहद

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट: जैतो के विधायक मास्टर बलदेव सिंह ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है। इससे प्रदेश की चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उप-चुनाव पर क्या असर होगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा, परंतु तीन विधानसभा क्षेत्र वाले फरीदकोट जिले में एक बार फिर कोटकपूरा व जैतो दो विधानसभाओं में आम आदमी पार्टी के विधायक हो गए है। फरीदकोट से तीसरे विधायक कांग्रेस पार्टी के कुशलदीप सिंह ढिल्लो है। लगभग एक साल से जैतो विधानसभा से कटे रहने वाले मास्टर बलदेव सिंह के लिए आम आदमी पार्टी के वर्करों व समर्थकों का दोबारा से विश्वास पाना इतना आसान नहीं होगा। जिस आशा के साथ पार्टी के वर्करों व समर्थकों ने उनका साथ दिया था, उसे तोड़कर वह दूसरी पार्टी जिसका जैतो में कोई खास प्रभाव नहीं था, उसका दामन थाम लिए थे। यहीं नहीं उनकी सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी उपस्थित न के बराबर रही। ऐसे में जबकि पार्टी में अब उनकी वापसी हो गई है, तो यह देखने वाली बात होगी कि वह कितनी जद्दोजहद करके उन वर्करों व समर्थकों का दिल जीत पाते है, जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में हेड मास्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में उतरने वाले बलदेव सिंह को अपनी पलकों पर बिठाया था।

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कांग्रेस व शिअद में बेचैनी

मास्टर की वापसी ने जैतो विधानसभा में कांग्रेस व शिअद-भाजपा गठबंधन की बेचैनी बढ़ाने वाली है, अब तक यह दोनों दल जैतो में आप को खत्म हुआ मानकर अपनी-अपनी राजनीति आगे बढ़ा रहे थे, ऐसे में अब जबकि पार्टी में वापस मास्टर लौट आए है, तो यह देखने वाली बात होगी, कांग्रेस व शिअद-भाजपा गठबंधन के नेताओं द्वारा अपनी राजनीति के लिए क्या रणनीति तैयार की जाती है। जिले की तीनों विधानसभाओं में से दो में आप का कब्जा होने से जिले की सियासत में भी इसका प्रभाव अब दिखाई पड़ेगा। वह अब एक बार फिर जिला स्तरीय समागमों में सक्रिय होगें। यहीं नहीं पार्टी वर्करों का मानना है कि मास्टर के अलावा जो अन्य सात विधायक पार्टी छोड़कर चले गए थे, उनके भी पार्टी में वापस लौटने की संभावना प्रबल होगी।

16 का संयोग, दस महीने पंजाब एकता पार्टी में रहे मास्टर बलदेव-

16 जनवरी 2019 को आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले जैतो के विधायक मास्टर बलदेव सिंह ने 16 अक्टूबर 2019 को दस महीने बाद पार्टी में वापसी कर ली। 17 जनवरी को मास्टर ने सुखपाल सिंह खैहरा के नेतृत्व वाले पंजाब एकता पार्टी ज्वाइन की थी। लोकसभा चुनाव के दौरान खैहरा के नेतृत्व वाले आधा दर्जन से अधिक दलों वाले गठबंधन के लिए मास्टर बलदेव सिंह ने पंजाब के विभिन्न हिस्सों में प्रचार भी किया, परंतु पिछले कुछ महीनों से उनकी खैहरा से दूरी बढ़ती गई, और पंजाब एकता पार्टी की जगह अंतत: उन्होंने आम आदमी पार्टी में अपना भविष्य ज्यादा सुरक्षित देखते हुए 16 अक्टूबर को पार्टी में वापसी कर ली।

पार्टी छोड़ते वक्त लगाए थे गंभीर आरोप

पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल को भेजे इस्तीफे में बलदेव सिंह ने पार्टी नेतृत्व पर सिद्धातों और नीतियों से अलग हटने का आरोप लगाते हुए पत्र में लिखा था कि मुझे आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देने पर पीड़ा हो रही है। पार्टी ने पूरी तरह से अपनी मूल विचारधारा और सिद्धांतों को छोड़ दिया है, अन्ना हजारे द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से मैं गहराई से प्रेरित हुआ, और आम आदमी पार्टी के गठन पर इसका हिस्सा बनने का फैसला किया। पंजाब की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति को सुधारने के लिए मैं अपनी हेडमास्टर की सरकारी नौकरी छोड़कर आप में शामिल हुआ। इस कदम से मेरे परिवार में खलबली मच गई थी, फिर भी मैंने आपके (केजरीवाल) और आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए वादों के कारण जोखिम उठाना पसंद किया। मेरे जैसे कई पंजाबियों ने आप द्वारा बनाए गए तीसरे विकल्प के माध्यम से पंजाब की दुर्दशा को सुधारने का सपना देखा। आप ने पंजाबियों की क्षमताओं में विश्वास व्यक्त करने और उन्हें पुरस्कृत करने के बजाय बाहरी लोगों को राज्य में पार्टी पर थोपना पसंद किया। यहां इसका विरोध किया गया, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। मास्टर बलदेव सिंह ने पत्र में 2017 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार और सुखपाल सिंह खैहरा को पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष के पद से हटाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने अरविद केजरीवाल और आप नेतृत्व के पंजाब में दलित प्रेम कार्ड खेलने पर भी सवाल उठाया था। इसके अलावा उन्होंने केजरीवाल द्वारा शिअद नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के लिए भी उन पर हमला किया था। पार्टी की निरंकुश कार्यशैली अपनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कह गया था कि, इसी कारण पार्टी के प्रमुख नेता प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, पंजाब से सांसद डॉ धर्मवीर गांधी, एचएस खालसा, सुच्चा सिंह छोटेपुर, गुरप्रीत घुग्गी, आशीष खेतान, आशुतोष, एचएस फूलका आदि सभी ने पार्टी छोड़ दी है या उनको अपमानजनक तरीके से बाहर निकाल दिया गया है।


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