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पराली जलाएं नहीं, इसका सदुपयोग करें : डा. रोड़े

सरकार की ओर से किसानों को पराली को जलाए बिना खेतों में मिलाकर जमीन की उपजाएंशक्ति बढ़ाएं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 07:01 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 07:01 AM (IST)
पराली जलाएं नहीं, इसका सदुपयोग करें : डा. रोड़े
पराली जलाएं नहीं, इसका सदुपयोग करें : डा. रोड़े

जासं,फरीदकोट

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सरकार की ओर से किसानों को पराली को जलाए बिना खेतों में मिलाकर जमीन की उर्वरता शक्ति बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। डीसी विमल कुमार सेतिया, व जिला कृषि अधिकारी डाक्टर हरनेक सिंह रोड़े ने बताया कि पराली को जलाने से पर्यावरण व मनुष्य की सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता है। ऐसे में जरूरत है कि किसान पराली को जलाए नहीं बल्कि उसका सदुपयोग करें। डाक्टर रोड़े ने बताया कि पराली को मिट्टी में मिलाने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि धान की कटाई से पहले ही विभाग ने जिले के विभिन्न गांवों में सेमिनार, किसान रैली आदि से किसानों को इस संबंध में जागरूक किया, जिसके परिणाम बहुत अच्छे दिखाई दे रहे हैं। किसानों द्वारा खेत से पराली को उठावा कर पावर प्लांटों को भेजा जा रहा है, जिससे पराली जलाने की घटनाएं कम हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में धान की कटाई के बाद, विभाग ने अलग-अलग ब्लाकों, गांवों में हैपी सीडर, सुपर सीइडर, प्लो, मल्चर आदि अपनाना शुरू कर दिया है, ताकि इन तरीकों से खेतों में पराली मिलाकर किसानों को गेहूं बोने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि विभाग का यह अभियान किसानों को बहुत पसंद आ रहा है, और गेहूं की बुवाई के लिए इन नई तकनीकों को अपनाया जा रहा है।

गांव सरवन के गुरप्रीत सिंह, गांव हरदियाला के कुलविदर सिंह सहित बड़ी संख्या में किसानों का उनके खेतों में परीक्षण किया गया। वे इन तकनीकों के साथ अपनी सभी फसलों की बुवाई करने के लिए आश्वस्त हुए।


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