दीप दान से सभी तीर्थों में स्नान करने के बाराबर प्राप्त होता है पुण्य
कमलानंद गिरि महाराज ने श्री राम भवन में चल रहे वार्षिक कार्तिक महोत्सव में वीरवार को प्रवचनों की अमृतवर्षा किए।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब : श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि महाराज ने कार्तिक माह के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसी मास में भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा से जागते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार इसी महीने में कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था। भगवान चतुर्भुज नारायण ने भी इसी मास में धरती पर जल में निवास करने की बात देवताओं को बताई थी। इसलिए ये महीना परम पवित्र माना जाता है। इस माह ब्रह्म मुहुर्त में स्नान करके दीप दान करने से सभी तीर्थों में स्नान करने का पुण्य प्राप्त होता है। कमलानंद गिरि महाराज ने ये विचार श्री राम भवन में चल रहे वार्षिक कार्तिक महोत्सव के दौरान वीरवार को प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संध्या के समय भगवान विष्णु का स्मरण करके तिल के तेल का दीप जलाएं। इससे सुख-समृद्धि मिलती है। उन्होंने बताया कि इस माह तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। वहीं भगवान शालीग्राम पूजन का भी अति महत्व है।
भगवान कार्तिकेय की करें पूजा
स्वामी कमलानंद जी ने कहा कि कार्तिक महीने के स्वामी भगवान कुमार कार्तिकेय हैं। इसलिए इस महीने में कुमार कार्तिकेय की पूजा भी करनी चाहिए। इन्हीं के नाम पर ही इस मास का नाम कार्तिक मास है। भगवान कार्तिकेय ने इसी महीने देवताओं का सेनापति बनकर तारकासुर का वध किया था और देवताओं को स्वर्ग दिलाया था। इसी महीने में भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप अवतार लेकर वेदों की रक्षा की थी और देवताओं को कहा था कि वे कार्तिक मास में वेदों सहित जल में रहेंगे। इसलिए तामसिक भोजन करने वालों के लिए इस मास मछली, मांस, अंडा, मदिरा सेवन जैसी चीजों से परहेज रखना शुभ फलदायी माना गया है। स्वामी जी ने कहा कि कार्तिक के महीने में मंदिर व नदी के घाटों की सफाई करने वाला व्यक्ति धनवान व सुखी होता है। ऐसे भक्तों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। इसलिए हो सके तो कुछ समय निकाल कर मंदिर या नदी के घाट की सफाई करें।