100 दिन चला ऑनलाइन सत्संग बना मिसाल
आर्ट आफ लिविग के 100 दिन लगातार चला आनलाइन सत्संग बना एक मिसाल बना।
एलेक्स डिसूजा,फरीदकोट
आर्ट आफ लिविग के 100 दिन लगातार चला आनलाइन सत्संग बना एक मिसाल बन गया है। आर्ट ऑफ लिविग 155 से •ा्यादा देशों में योग व ध्यान के क्षेत्र में प्रख्यात संस्था है। आर्ट आफ लिविग अंतरनाद ओर ब्रह्मानाद जैसे कार्यक्रम करके गिनी•ा बुक आफ वर्ल्ड में भी अपना नाम दर्ज करा चुका है।
आर्ट आफ लिविग के फरीदकोट के प्रभारी मनप्रीत लूंबा व उनकी टीम द्वारा लगातार ऑनलाइन 100 सत्संग करके एक मिसाल कायम की गई। उन्होंने बताया कि 1200 से ज्यादा लोगों ने आर्ट आफ लिविग के 100वें सत्संग में जुड़कर आनंद माना।
विश्व स्तरीय इस 100वें सत्संग में देश विदेश से 131 पंडितों ने ऑनलाइन होकर गुरु पूजा की व प्रवीण मेहता ने जो आर्ट आफ लिविग के अंतराष्ट्रीय व वरिष्ठ शिक्षक हैं ने अपनी मधुर वाणी में भजन गाकर शामिल लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
आर्ट ऑफ़ लिविग, फरीदकोट के निदेशक मनप्रीत लूंबा ने कहा कि
तालाबंदी के पहले दिन से ही आर्ट आफ लिविग द्वारा शाम 5:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक सत्संग आयोजित किया जा रहा है। सत्संग एक घोंसला की तरह है जिसमें हर कोई विश्राम कर सकता है। फरीदकोट आर्ट आफ लिविग के सदस्य सतीश गांधी, मधु गांधी, प्रवीण सुखीजा, परवीन कटारिया, प्रीति गर्ग इस सत्संग को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ के अलावा, देश के हर राज्य से आर्ट ऑफ़ लिविग के सदस्य सत्संग का आनंद ले रहे हैं।
आर्ट आफ लिविग के भजन गायक हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, झारखंड,गोवा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, अरुणाचल प्रदेश से जो अपने राज्य के सत्संग आयोजित कर चुके है भी इस सत्संग का हिस्सा बने। उन्होंने कहा कि विदेशों से, नेपाल, कनाडा, न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, बहरीन, पोलैंड, दुबई, मिस्त्र, थाईलैंड, लाओस,आदि से लोगों ने सत्संग का आनंद लिया । मनप्रीत लूंबा ने कहा कि 100 सत्संगों के पूरा होने पर दुनिया भर से बधाई संदेश आ रहे थे। उन्होंने कहा कि योग के मुफ्त ऑनलाइन सत्र भी चलाए जा रहे हैं और जो लोग इस प्रक्रिया में शामिल होना चाहते हैं उनका स्वागत है।
पंजाब के को-आर्डिनेंटर पालोमी मुखर्जी ने 100 सत्संगों को पूरा होने पर बधाई देते हुए सत्संगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सत्संग दुनिया के लिए एक मिसाल बन गया है। मनप्रीत लूंबा ने पूरी आ टीम के सभी सदस्यों को 100 सत्संगों को पूरा करने में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।