फर्स्ट लेवल पर पहली बार जिले में ठीक हुए कोरोना के दस मरीज, आज होंगे डिस्चार्ज
फरीदकोट जिले में पहली बार फर्स्ट लेवल पर कोरोना संक्रमितो का इलाज शुरू किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
फरीदकोट जिले में पहली बार फर्स्ट लेवल पर कोरोना संक्रमितों का उपचार शुरू किया गया है। फरीदकोट-सादिक हाइवे पर स्थित आदेश कॉलेज में बने कोविड केयर सेंटर में उपचार किया जा रहा है। अब तक सभी लेवल के मरीजों का उपचार मेडिकल कालेज में किया जा रहा था।
केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित गाइड लाइन के तहत कोविड-19 के मरीजों का उपचार तीन लेवल पर करना है। पहले लेबल पर सामान्य संक्रमितों, दूसरे लेवल पर जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है जबकि तीसरे लेवल पर गंभीर रोगियों का उपयार किया जाना है। फरीदकोट जिले के सभी रोगियों का उपचार थर्ड लेवल पर किए जाने से उठे सवालों को देखते हुए अब सेहत विभाग द्वारा फस्ट लेवल पर उपचार शुरू करने के साथ ही दूसरे लेवल पर बाजाखाना व सादिक के अस्पतालों को तैयार रखा गया है।
एसएमओ फरीदकोट डॉ चन्द्रशेखर कक्कड़ ने बताया कोविड़ केयर सेंटर में उपचाराधीन मरीजों में से दस मरीज पूरी तरह से ठीक होने पर उनकी अन्य जांच के बाद सोमवार को सेंटर से डिस्चार्ज किया जाएगा।
कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए केन्द्र सरकार के स्वस्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों को तीन केटेगरी में बांटा है। इसके तहत फर्स्ट लेवल पर कोविड केयर केन्द्र है जिसमें कम खतरे वाले और संदिग्धों का इलाज किया जाएगा। सेकेंड लेवल पर कोविड हेल्थ केयर सेंटर्स में गंभीर मरीजों का और डेडीकेटेड (समर्पित) का इलाज किया जाना है जबकि थर्ड लेवल पर कोविड अस्पताल में नाजुक स्थिति वाले संक्रमित मरीजों का इलाज होना है। इनसेट
फरीदकोट में प्लाज्मा थेरेपी से भी हो रहा है इलाज
प्लाज्मा उपचार मध्यम तौर पर ऐसे रोगियों के लिए किया जाना चाहिए जिनमें स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बावजूद सुधार नहीं हो रहा हो। इसके तहत कोविड-19 से ठीक हुए व्यक्ति के खून से एंटीबॉडी लिया जाता है और कोरोना वायरस के रोगी में चढ़ाया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरोधी क्षमता विकसित होने में मदद मिल सके। इनसेट
कोरोना मरीज की सूंघने व स्वाद की क्षमता भी खत्म
संशोधित क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में कोविड-19 के लक्षणों में सूंघने एवं स्वाद की क्षमता के समाप्त होने को भी जोड़ा गया है। कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज में बुखार, कफ, थकान, सांस लेने में तकलीफ, बलगम, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना, गले में खराश और दस्त जैसे लक्षण प्राय: दिखाई देते है। कुछ मरीजों में सूंघने या स्वाद की क्षमता समाप्त होने के बारे में भी जानकारी मिल रही है, जो सांस लेने में तकलीफ से पहले शुरू होता है।