बेसबॉल व सॉफ्टबॉल में करियर के लिए पसीना बहा रहे युवा
सेक्टर -10 स्थित लेजर वैली पार्क में शाम चार बजे के बाद हर आयुवर्ग के खिलाड़ी सॉफ्टबॉल और बेसबॉल की प्रैक्टिस करते हुए दिखाई देंगे।
चंडीगढ़, विकास शर्मा : एक जमाना था जब एक ही ग्राउंड में कई की टीमों के मैच चल रहे होते थे, अब ऐसा ही जुनून बेसबॉल और सॉफ्टबॉल के खेल में देखने को मिल रहा है। सेक्टर -10 स्थित लेजर वैली पार्क में शाम चार बजे के बाद हर आयुवर्ग के खिलाड़ी सॉफ्टबॉल और बेसबॉल की प्रैक्टिस करते हुए दिखाई देंगे। ज्यादातर खिलाड़ियों की उम्र 12 से 18 साल के बीच है। यह खिलाड़ी देखने में चाहे छोटे लगें, लेकिन इन खिलाड़ियों की उपलब्धियां इनकी उम्र से बढ़ी हैं। कोच दीपक पासवान ने बताया कि उनके पास तकरीबन 40 बच्चे कोचिंग ले रहे हैं। अभी खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं, उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में चंडीगढ़ से चार या पांच खिलाड़ी नेशनल टीम का हिस्सा होंगे।
आठ साल की उम्र से ले सकते हैं कोचिंग
बेसबॉल और सॉफ्टबॉल की कोचिंग खिलाड़ी आठ साल की उम्र से ले सकते हैं। इन दोनों खेलों में 15 खिलाड़ियों की टीम होती है, जिसमें प्लेइंग नौ खिलाड़ी होते हैं। इसमें खिलाड़ी पिचर, शॉट स्टॉपर और कैचर होते हैं। इसके अलावा इस खेल को खेलने के लिए बेसबॉल स्लगर, चैस गार्ड, फेस मास्क व लेग गार्ड और डायमंड की जरूरत होती है।
कोचिंग की है 500 रुपये सलाना फीस
सेक्टर -10 की लेजर वैली में कोचिंग देने वाले कोच दीपक पासवान खुद इंडिया कैंप का हिस्सा रह चुके हैं। दीपक ने बताया कि खिलाड़ियों को मात्र 500 रुपये में सालभर कोचिंग दी जाती है। कोचिंग लेने वाले खिलाड़ियों में ज्यादातर की उम्र 10 से 14 साल है, ऐसे में यह खिलाड़ी आने वाले चार से पांच सालों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। कोचिंग लेने वालों में हैं कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
लेजर वैली पार्क में कोचिंग ले रहे, इन खिलाड़ियों में कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। बेसबॉल कैचिंग की ट्रेनिंग ले रही तनुश्री अब तक तीन बार स्कूल नेशनल गेम्स में हिस्सा ले चुकी हैं। कैचर काजल दो बार स्कूल नेशनल और एक बार ओपन नेशनल बेसबॉस टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुकी हैं। यशोदा, वनीता, खड़क और अशोक ऐसे खिलाड़ी हैं जोकि स्कूल नेशनल, ओपन नेशनल और राष्ट्रीय स्तर के कई अन्य टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं। 2020 ओलंपिक गेम्स में शामिल हो रहा है बेसबॉल
कोच दीपक पासवान से बताया कि देश में बेसबॉल और सॉफ्टबॉल का भविष्य सुनहरा है, यह दोनों खेलें अभी लोकप्रिय हो रही हैं। विदेशों में इन खेलों को खेलने और पसंद करने वाले खेल प्रेमियों की काफी संख्या है। ऐसे में 2020 ओलंपिक में पहली बार शामिल हो रही बेसबॉल की गेम इसके बाद काफी आगे चली जाएगी। इसके अलावा सरकार भी इन खेलों को प्रमोट करने में पूरा योगदान दे रही है। ऐसे में इन दोनों खेलों का और खिलाड़ियों का भविष्य उज्जवल है।