Move to Jagran APP

यंगस्टर सूफी रॉक के मिश्रण से बने कंसेप्ट को कर रहे पसंद

क्लास है लेकिन इन दोनों का मिश्रण एक अलग ही क्लास बनाता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 09:17 PM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 09:17 PM (IST)
यंगस्टर सूफी रॉक के मिश्रण से बने कंसेप्ट को कर रहे पसंद
यंगस्टर सूफी रॉक के मिश्रण से बने कंसेप्ट को कर रहे पसंद

वैभव शर्मा, चंडीगढ़ : सूफी और रॉक इन दोनों की अपनी क्लास है लेकिन इन दोनों का मिश्रण एक अलग ही क्लास बनाता है। आज कल यंगस्टर सूफी और रॉक के मिश्रण से बने कंसेप्ट को बखूबी पसंद कर रहे हैं। पार्टी, शादी या फिर अन्य खुशियों के मौकों पर सूफी रॉक गीतों की फरमाइश ज्यादा रहती है। सूफी रॉक कंसेप्ट आज के वक्त की डिमांड है और इसलिए मेरा झुकाव इस ओर है। यह बात शनिवार को चंडीगढ़ क्लब में आयोजित विटर फेस्टिवल और क्लब कार्निवल में प्रस्तुति देने पहुंचे सूफी बैंड सूफी सयान के गायक सौरव ने कही। यह चंडीगढ़ क्लब में बैंड का पहला प्रदर्शन था और इसे टेलेंट इमेज एजेंसी गुजराल इवेंट द्वारा आयोजित किया गया था। सौरव ने इस दौरान सूफी रॉक कंसेप्ट पर अपना अनुभव साझा किया। गायिकी ही क्यों चुनी, इसमें कोई भविष्य नजर आता है?

loksabha election banner

मैं बचपन से ही अपने घर में गानों को गुनगुनाता रहता था। मेरी आवाज सुनकर सभी ने गाने के लिए प्रेरित किया तो मैंने इस लाइन का चुनाव किया। गायिकी बहुत मुश्किल काम है लेकिन रियाज करने से सब कुछ आसान हो जाता है। मेरे परिवार में किसी का भी संगीत से रिश्ता नहीं रहा है। बेशक गायिकी में भविष्य है, अगर हम बेहतरीन गायक हैं और हमारी आवाज में कशिश है तो हम सफल जरूर होते हैं। संगीत की तालीम कहां से हासिल की?

मैंने अपने शुरुआती दिनों के चार वर्ष सुदामा राम जोकि पटियाला घराने से संबंध रखते हैं, उनसे हासिल की है। उसके बाद मैंने आगरा घराने से संबंध रखने वाले पंडित यशपाल शर्मा से शिक्षा हासिल की और अभी भी मैं उनसे शिक्षा हासिल कर रहा हूं। आजकल के गायकों के स्तर पर आपका क्या कहना है?

मैं अभी किसी को जज नहीं कर सकता हूं। अभी मेरी शुरुआत है, मंजिल दूर है, रास्ता कठिन है। मेरा फोकस सिर्फ अपने मंजिल तक जाने वाले रास्ते पर है। हर किसी गायक की अपनी क्लास होती हैं, वही उनका स्तर होता है। गायकों की गाने अच्छे है या बुरे, इस बात का निर्णय लोग करते हैं। रॉक म्यूजिक के साथ सूफियाना संगीत को जोड़ने से सूफी संगीत का महत्व कम नहीं होगा?

सूफी संगीत कभी खत्म नहीं हो सकता। सूफी रॉक मिश्रण में हम गिटार, बैंड आदि इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग करते हैं। सूफी संगीत को आजकल लोग, खासकर युवा एक अलग कंसेप्ट में सुनना पसंद कर रहे हैं। उस हिसाब से सूफी रॉक मिश्रण ठीक है। इससे सूफी संगीत की विरासत को कोई खतरा नहीं है। नए गायक के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म को किसर नजरिये से देखते हो?

यह किसी भी कलाकार के लिए एक सुनहरा अवसर है और मैं खुद को बहुत भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे चंडीगढ़ क्लब में आए दर्शकों के सामने प्रदर्शन करने का मौका मिला। ऐसे प्लेटफॉर्म से ही टेलेंटेड लोगों को मौका मिलता है कि वह अपने टेलेंट को सबके सामने रखें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.