पहले दिन 182 व्यापारियों ने ली स्टाल लगाने की मंजूरी, निगम को आठ लाख रुपये का रेवेन्यू Chandigarh News
मनीमाजरा के सब ऑफिस में ही स्टाल की मंजूरी के लिए कूपन अलॉट किए जाएंगे। इसके लिए नगर निगम की पार्किंग में टेंट लगाया जाएगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। कमिश्नर की ओर से फैसला लेने के बाद शनिवार को पहले दिन ही बाजारों में स्टाल लगाने की मंजूरी लेने के लिए व्यापारियों का नगर निगम में जमावड़ा लगा रहा। मगर इस बीच सिर्फ नौ दिन के लिए स्टाल लगाने वालों को ही मंजूरी दी गई। शाम पांच बजे तक अतिक्रमण हटाओ दस्ते के कर्मियों ने 182 व्यापारियों को स्टाल लगाने की मंजूरी दी।
इससे नगर निगम को आठ लाख रुपये का रेवेन्यू एकत्र हुआ है। अब रविवार को भी स्टॉल लगाने की मंजूरी की प्रक्रिया जारी रहेगी। यह प्रक्रिया निगम के कमरा नंबर-309 में चलेगी। जबकि बाकी दिनों के लिए 21 से 23 अक्तूबर तक नगर निगम की पार्किंग में कूपन दिए जाएंगे। इसके अलावा मनीमाजरा के सब ऑफिस में ही स्टाल की मंजूरी के लिए कूपन अलॉट किए जाएंगे। इसके लिए नगर निगम की पार्किंग में टेंट लगाया जाएगा।
जब सेक्टर-17 वेंडर्स बैठ सकते हैं वह क्यों नहीं
नगर निगम ने बाजारों में स्टाल लगाने की मंजूरी दे दी है, लेकिन इस फैसले से सेक्टर-17 और 22 के व्यापारी नाराज है। क्योंकि नगर निगम ने इन दोनों सेक्टरों के बाजारों में स्टाल की मंजूरी देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में सेक्टर-17 और 22 के व्यापारियों का कहना है कि उनके यहां पर वेंडर्स को बैठने की मंजूरी मिल सकती है लेकिन जो यहां के स्थायी दुकानदार है जो नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स भी अदा करते हैं, लेकिन उन्हें अपनी दुकानों के बाहर स्टाल लगाने की मंजूरी नहीं दी जा रही है। ऐसे में सेक्टर-17 के व्यापारी अपने यहां पर मंजूरी लेने के लिए अभियान छेड़ने जा रहे हैं। नगर निगम ने सेक्टर-17 को नो-वेंडिंग जोन बनाने का फैसला लिया हुआ है। इसलिए यहां पर मंजूरी नहीं दी जा रही है। व्यापार मंडल के महासचिव एवं सेक्टर-17 के व्यापारी संजीव चढ्ढा का कहना है कि हर साल उनके यहां पर व्यापारियों को स्टाल की मंजूरी मिलती है तो इस बार क्यों नहीं। उन्होंने बताया कि नगर निगम कमिश्नर को वह जल्द ही मामले में मिलने जा रहे हैं।
सेक्टर-17 और 22 के लिए स्टाल लगाने की मंजूरी नहीं
शहर के सेक्टर-17 और 22 के लिए स्टाल लगाने की मंजूरी नहीं दी जा रही है। मंजूरी के लिए आधार कार्ड या वोटर कार्ड की प्रति ली जा रही है। मंजूरी सिर्फ दुकानदारों को ही दी जा रही है। आउटसाइडर को मंजूरी नहीं दी जा रही है। उधर, मंजूरी लेने के बाद स्टाल लगए बिना शुल्क अदा कर स्टाल लगाने वाले से दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा। पहले आओ पहले पाओ की नीति के आधार पर स्टाल अलाट किए जा रहे हैं। पार्किंग और कॉरिडोर में स्टाल लगाने की मंजूरी नहीं है। सेक्टर से छह तक के बाजारों में स्टाल की मंजूरी नहीं दी जा रही है।
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