गलत काम से न सिर्फ दोषी के भविष्य बल्कि समाज को भी पहुंचता नुकसान
सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : 50 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए पूर्व इनकम टैक्स ऑफिसर राकेश जैन पर चल रहे रिश्वत मामले में सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। इस दौरान सीबीआइ की स्पेशल अदालत के जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने एक जजमेंट का हवाला देते हुए यह सजा सुनाई। दरअसल दोषी ने गुहार लगाते हुए तीन साल तक की सजा दिए जाने की अपील की थी। कहा कि उनके दो बेटे हैं जिनमें से एक बीमार है। उन्हें भी दो बार अटैक आ चुका है। उनकी सरकारी नौकरी भी चली गई है। जिसके चलते उनका जीवन काफी गरीबी में बीत रहा है। जिस पर सरकारी की वकील ने कहा कि उन्हें उनके जुर्म के हिसाब से सजा होनी चाहिए। उन्होनें अपनी पोस्ट का गलत फायदा उठाया है। सरकारी कर्मचारी होते हुए वह भ्रष्टाचार में लिप्त पकड़े गए है। ऐसे में उन्हें पूरी सजा होनी चाहिए। इस पर जज ने एक जजमेंट का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि दोषी को सजा उसके द्वारा किए गए गलत काम जिससे न सिर्फ उसके भविष्य को नुकसान पहुंचता है बल्कि समाज को भी नुकसान पहुंचता है। दोषी को सजा इसलिए दी जाती है ताकि वह दोबारा कोई गलत काम न करे। इस जजमेंट को पढ़ते हुए जज ने दोषी को चार साल कैद की सजा सुनाई। वहीं, इससे पहले अदालत ने उसे छह साल की सजा सुनाई थी जिसके बाद दोषी के गुहार लगाने के बाद उसकी सजा चार साल कर दी गई। शराब कारोबारी से मांगे थे पैसे
दो फरवरी 2013 को सीबीआइ ने रियल एस्टेट और शराब कारोबारी अशोक अरोड़ा की शिकायत पर राकेश जैन को उनके घर से 50 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। अरोड़ा ने सीबीआइ को दी शिकायत में कहा था कि उन्हें आयकर विभाग की ओर से आइटी एक्ट 1961 की धारा 142 (2) के तहत नोटिस आया था। इसके बाद आइटीओ राकेश जैन की ओर से कॉल आई और 2011-12 के टैक्स को लेकर अपने ऑफिस बुलाया। मांगे थे साढ़े तीन लाख रुपये
वहां बातचीत में जैन ने उन्हें टैक्स नोटिस को सेटल करने के लिए साढे़ तीन लाख रुपये बतौर रिश्वत की डिमांड की। बातचीत के बाद यह सौदा ढाई लाख रुपये में तय हो गया। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीबीआइ ने ट्रैप लगाकर जैन को उसके सेक्टर-22 स्थित घर से रिश्वत की पहली किश्त के तौर पर 50 हजार रुपये लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सर्च के दौरान उनके घर से 23 लाख रुपये कैश समेत लाखों की गोल्ड ज्वैलरी मिली। इसके बाद सीबीआइ ने प्रवर्तन निदेशालय को इस बारे में सूचना दी। इसके बाद ईडी ने अपने स्तर पर भी कार्रवाई करते हुए राकेश जैन, पत्नी सुनीत जैन, पिता यशपाल जैन और माता कांता जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। यह केस अभी निचली अदालत में चल रहा है। वहीं कांता जैन की केस के ट्रायल के दौरान ही मृत्यु हो गई थी।