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अधूरे प्यार की पूरी कहानी लिखी है

इश्क अधूरा हो तो आप भी अधूरे रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 09:11 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 09:11 PM (IST)
अधूरे प्यार की पूरी कहानी लिखी है
अधूरे प्यार की पूरी कहानी लिखी है

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : इश्क अधूरा हो तो आप भी अधूरे रहते हैं। ये अधूरापन जीवन में कोई दूसरी चीज पूरा नहीं कर पाती। ऐसे में अधूरे इश्क की पूरी कहानी लिखना बहुत तकलीफदेह था। इसे एक तरह से जीना और फिर खुद लिखते लिखते रोना, बहुत ही मुश्किल रहा। मगर फिर भी एक लेखक के रूप में आपको कहानी तो पूरी करनी ही होती है। ऐसे में इस अधूरे इश्क की कहानी लंबा समय लगाने के बाद मैंने पूरी की। सृष्टि ढोके, जिनकी किताब टैमा¨रड ऐक का विमोचन शुक्रवार को पंजाब राज भवन में गवर्नर वीपी ¨सह बदनौर ने किया। पंजाब के एडीशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, सिक्योरिटी राजेंद्र ढोके की बेटी सृष्टि इन दिनों बोस्टन यूनिवर्सिटी में इकनोमिक्स और मैथ्स में ग्रेजुएशन कर रही हैं। इन दिनों अपनी किताब को लेकर वह शहर में है। बोलीं कि किताब लिखना एक लंबा प्रोसेस रहा, जिसमें करीबन तीन साल लगे। इन तीन वर्षो में मैंने बारहवीं के एग्जाम भी दिए और अमेरिका में पढ़ने की प्ला¨नग भी की। व्यस्तता के बावजूद फिर भी समय चुराकर किताब लिखने में मश्गूल हो जाती। मेरे लिए ये लेखन यात्रा किसी अलग दुनिया में जाने का अनुभव था, जहां मैं पंजाब में रहकर सीधा महाराष्ट्र के जीवन की बात कर लिख रही थी। दरअसल, लिखने का यही मजा है कि आप कहीं भी बैठकर कुछ भी सोचकर उसे कागज में सजा सकते हैं। पिता ने प्रेरित किया लिखने के लिए

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सृष्टि ने कहा कि वह स्कूली पढ़ाई के दौरान अकसर अखबारों के लिए कॉलम लिखा करती थी। कुछ अपने निजी जीवन को भी कभी-कभार कागज पर उतारती थी, एक दिन पिता ने मेरी लेखनी देखी। उन्हें ये पंसद आई और उन्होंने मुझे किताब लिखने की प्रेरणा दी। उपन्यास लिखना आसान नहीं था, उसके लिए एक कहानी चाहिए होती है। मेरे दिमाग में कहानी के नाम पर महाराष्ट्र ही आया। दरअसल, मेरे दादा-दादी वहीं रहते हैं। पिता की पो¨स्टग की वजह से मेरा वक्त पंजाब में ही बीता, मगर फिर भी हर वर्ष हम महाराष्ट्र जाते थे। ऐसे में कहानी के लिए मैंने महाराष्ट्र के गांव को ही चुना। एक कहानी, जो दो युवाओं पर आधारित थी। मुझे पहले पता नहीं था कि ये एक प्रेम कहानी बन जाएगी, मगर लिखते-लिखते ये एक प्रेम कहानी बन गई, जो पहले तो अधूरी थी, मगर इसको पूरा करने का आनंद अलग रहा। अभी उम्र छोटी है तो ध्यान पढ़ाई पर ही है..

सृष्टि ने कहा कि उन्हें लेखन पसंद है। वो इसे अभी अपना प्रोफेशन नहीं बनाना चाहती। उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्हें लिखने में सुकून महसूस होता है। मगर जीवन में वो आगे चलकर इकनोमी और मैथ्स की फील्ड में ही आगे जाना चाहेंगी। उन्हें खुशी है कि किताब के लिए खुद रस्किन बॉन्ड ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सृष्टि ने कहा कि अभी उन्होंने अगली किताब के बारे में कुछ नहीं सोचा। मगर यकीनन पहली किताब के बाद दूसरी किताब लिखना हर लेखक की जिम्मेदारी है, जिसे वो जरूर निभाएंगी।


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