वर्ल्ड आस्टोयोपोरोसिस डे: यह 5 स्टेप जीवन भर इस गंभीर बीमारी के खतरे से बचाएंगे, तेजी से बढ़ रहा मर्ज
World Osteoporosis Day 2022 ओस्टोपोरोसिस हड्डियों के कमजोर होने से उत्पन्न होने वाली बीमारी है। यह बीमारी होने पर ला ट्रामा फ्रेक्चर्स के होने का रिस्क बढ़ जाता है। वैसे तो फ्रैक्चर्स शरीर में कहीं भी हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर यह कुल्हे की हड्डियों में होता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: World Osteoporosis Day 2022: आस्टोयोपोरोसिस हड्डियों के कमजोर होने से उत्पन्न होने वाली बीमारी है। यह बीमारी होने पर ला ट्रामा फ्रेक्चर्स के होने का रिस्क बढ़ जाता है। वैसे तो फ्रैक्चर्स शरीर में कहीं भी हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर यह कुल्हे की हड्डियों में होता है। रीढ़ और कलाई में भी हड्डी टूट सकती है।
आस्टोयोपोरोसिस एक साइलेंट बीमारी है जिसमें लक्ष्णों का भी पता नहीं चल पाता। एक दो हड्डियों के टूटने पर ही इसका पता चलता है। वर्ल्ड आस्टोयोपोरोसिस डे के मौके पर पीजीआइ में इस बीमारी से बचने के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पीजीआइ चंडीगढ़ के एंडोक्रिनोलाजी डिपार्टमेंट के हेड प्रो. संजय भडाडा ने बताया कि मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाने की स्थिति में तीन में से एक और 50 वर्ष से अधिक के पांच में से एक पुरुष को यह बीमारी होती है। जिससे इन्हें ला ट्रामा फ्रेक्चर्स के साथ ही आगे का जीवन गुजारना पड़ता है।
डा. भडाडा ने बताया कि पीजीआइ आस्टोयोपोरोसिस बीमारी के संबंध में लगातार गतिविधियां कर जागरूकता फैलाता रहता है। पिछले एक वर्ष से वह आस्टोयोपोरोसिस एंड मेटाबोलिक बोन डिसीज क्लीनिक हर महीने के पहले मंगलवार को चला रहे हैं। यह क्लीनिक इस बीमारी से ग्रस्त और हड्डियों की दूसरी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की देखभाल के लिए काम करता है। क्लीनिक पर रजिस्टर्ड 130 मरीजों में से 93 फीसद महिलाएं हैं। औसत आयु 63 वर्ष है। 20 फीसद मरीज एक और दो फ्रैक्चर्स के साथ जीवन जी रहे हैं।
यह पांच कदम आस्टोयोपोरोसिस रिस्क से बचाएंगे
- हड्डियों को स्वस्थ रखने वाला भोजन खाएं
- हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए एक्सरसाइज कीजिए
- शरीर का वजन मेंटेन रखें
- धूमपान न करें और शराब के जरूरत से ज्यादा सेवन करने से बचें
- पर्सोनल रिस्क फेक्टर्स के प्रति सचेत रहें