'पंजाब की इंडस्ट्री बचाने के लिए रोकना होगा मजदूरों का पलायन'
विवशता के चलते पिछले कुछ दिनों में ही हजारों प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्यों को लौट गए हैं। यह क्रम अब भी जारी है।
कुराली, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते पिछले लगभग दो महीने से जारी लॉकडाउन के बीच रोजगार के साधन ठप हैं। विवशता के चलते पिछले कुछ दिनों में ही हजारों प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्यों को लौट गए हैं। यह क्रम अब भी जारी है। पंजाब की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने तथा इंडस्ट्री को लॉकडाउन के कारण हुए बड़े घाटे से उबारने के लिए सरकार को पलायन कर रहे लेबर वर्ग को रोकने तथा उनके लिए खाने-पीने का प्रबंध करने के हर संभव प्रयास करना बेहद जरूरी है। यह बातें स्थानीय सिविल अस्पताल में आगमन के दौरान गिल्को ग्रुप के सीएमडी रंजीत सिंह गिल ने कही। उन्होंने कोरोना काल में राज्य के हालात पर चिंता जताई।
गिल्को ग्रुप के सीएमडी एवं समाजसेवी रंजीत सिंह गिल मंगलवार सुबह सिविल अस्पताल पहुंचे और वहां एसएमओ डॉ. भूपिंदर सिंह को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए 50 पीपीई किट्स तथा सेनिटाइजर भेंट किया। रंजीत सिंह गिल का कहना था कि देश में फैले कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे की कोशिशों में फ्रंट लाइन वॉरियर्स की भूमिका निभाकर डॉक्टर्स ,पुलिस तथा सफाई कर्मचारियों का योगदान सर्वोपरि है। देश के प्रत्येक नागरिक को अपने इन योद्धाओं पर गर्व है। कोरोना वायरस के खात्मे के लिए लड़ी जा रही जंग में अपना योगदान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
गाइडलाइन को फॉलो करना ही विकल्प
रंजीत सिंह गिल का कहना था कि लॉकडाउन को हमेशा के लिए लागू नहीं रखा जा सकता और इसे खोलना सरकार की विवशता है। लॉकडाउन नहीं खुलने की सूरत में देश की अर्थव्यवस्था इस कदर खस्ताहाल हो जाएगी कि दुर्भाग्यवश लोग शायद कोरोना वायरस की बजाए भूख से दम तोडऩे लगेंगे। कोरोना वायरस से बचाव के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं है लिहाजा सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को फॉलो करना की इससे बचाव का एकमात्र विकल्प है। सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. भूपिंदर सिंह ने सेहत विभाग की ओर से गिल्को ग्रुप के सीएमडी रंजीत गिल का आभार व्यक्त किया।