श्रमिकों को ट्रेन में असुविधा हो रही तो मुआवजे की कर सकते हैं मांग
प्रवासी श्रमिकों को इन दिनों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
राजन सैनी, चंडीगढ़ : ट्रेन के जरिये अपने-अपने घर को जाने वाले प्रवासी श्रमिकों को इन दिनों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई श्रमिकों को ट्रेन समय से उनके गंतव्य तक नहीं पहुंचा रही तो कई श्रमिकों को इस दौरान ट्रेन में रेलवे विभाग द्वारा फिजिकल दूरी का ध्यान नहीं रखा जा रहा। वहीं, श्रमिकों कई जगह पर तो खाना भी मुहैया नहीं करवाया जा रहा। ऐसे में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भले ही प्रवासियों से ट्रेन टिकट के लिए पैसे नहीं लिए जा रहे हों लेकिन ऐसे में भी कंज्यूमर डेफिशिएंसी होने के नाते श्रमिक उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके जरिये यात्रा के दौरान हुई परेशानी के लिए 20 लाख रुपये तक के मुआवजे की मांग कर सकते हैं। यह है प्रक्रिया
जिस रेलवे स्टेशन से ट्रेन चली है और आपके गंतव्य स्टेशन तक पड़ने वाले जिला उपभोक्ता फोरम में आप केस दायर कर सकते हैं। इसके अलावा जिस भी जगह से आपने अपनी टिकट बुक कराई है, वहां की जिला उपभोक्ता फोरम में भी केस कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास ट्रेन की टिकट जरूरी है। टिकट और यात्रा में हुई परेशानी को शिकायत कॉपी में बयान कर आप संबंधित जिला उपभोक्ता फोरम में केस दायर कर सकते हैं। इसमें आप रेल मंत्रालय और संबंधित स्टेशन सुपरिंटेंडेंट को पार्टी बना केस दायर कर सकते हैं। चंडीगढ़ से कितने श्रमिक अब तक गए
चंडीगढ़ से श्रमिकों को ले जाने के लिए 11 मई से ट्रेनें शुरू कर दी गई थी। यहां से यूपी, बिहार और झारखंड के अलावा कुछ और प्रदेशों के लिए ट्रेनें जा रही हैं। अब तक कुल 22 ट्रेनों से 30209 श्रमिक प्रवासियों को यहां से ले जाया जा चुका है। प्रतिदिन शहर से दो श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं। बेनेफिशरी डेफिनेशन के तहत श्रमिक हैं उपभोक्ता
हर रोज देखने में आ रहा है कि ट्रेन से जा रहे श्रमिकों को परेशानी हो रही है। अगर किसी का सफर दो दिन का था तो ट्रेन उसे अब तीन या चार दिनों में उसके गंतव्य तक पहुंचा रही है। कई लोगों को सही से सेनेटाइज नहीं किया जा रहा। ऐसे मे श्रमिक उपभोक्ता एक्ट की बेनेफिशरी डेफिनेशन के तहत उपभोक्ता हैं और केस दायर कर सकते हैं।
-पंकज चांदगोठिया, उपभोक्ता मामलों के जानकार और वकील 20 लाख रुपये तक कर सकते हैं मुआवजे की मांग
रेलवे विभाग ने जो श्रमिकों को ले जाने के लिए सुविधाएं देने की बात कही है, अगर वह उसको पूरा नहीं कर रहा और श्रमिकों को परेशानी हो रही है तो श्रमिक प्रवासी उपभोक्ता होने के नाते उपभोक्ता फोरम में केस दायर कर 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
-दीक्षित अरोड़ा, वकील