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पंजाब विधानसभा में महिला आरक्षण बिल पास, चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस का नया दांव

पंजाब विधानसभा के शीतकालीन सत्र में महिला आरक्षण विधेयक के प्रस्‍ताव को पारित कर दिया गया। अब इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 02:27 PM (IST)
पंजाब विधानसभा में महिला आरक्षण बिल पास, चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस का नया दांव
पंजाब विधानसभा में महिला आरक्षण बिल पास, चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस का नया दांव

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया। यह विधेयक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पेश किया और इसे सर्वसम्‍मति से पारित कर दिया गया। कांग्रेस ने इस तरह अागामी चुनावों के मद्देनजर बड़ा दांव चल दिया है। पंजाब विधानसभा में पारित हाेने के बाद विधेयक को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

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पंजाब विधानसभा के शीतकालीन में मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने सदन में महिला आरक्षण बिल पेश किया। इसके बाद इसे विधानसभा ने प‍ारित कर दिया। इससे पहले विधानसभा में काफी हंगामा हुआ। विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि एक दिन करने का विपक्ष ने विरोध किया।

विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बीच शीतकालीन सत्र एक दिन का करने का सत्‍ता पक्ष की अोर से रखा। इसकाे विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित कर दिया गया। इसके विरोध में शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने सदन से वाकआउट किया। इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायकों ने भी विधानसभा के सत्र की अवधि कम करने के विरोध में सदन से वाकआउट किया।

राहुल गांधी ने अमरिंदर को महिला बिल का प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजने को कहा

बताया जाता है पंजाब सरकार ने यह कदम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर उठाया है। राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर मोदी सरकार की सियासी घेरेबंदी के लिए अपनी कांग्रेस शासित राज्यों की विधानसभा से इसको लेकर प्रस्ताव पारित करने का दांव चला है। राहुल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर इसके लिए अनुरोध भी किया था। संकेत हैं कि कांग्रेस नेतृत्व कर्नाटक की अपनी गठबंधन सरकार को भी विधानसभा से यह प्रस्ताव पारित करने के लिए कहेगा।

राहुल का यह दांव संसद में सालों से लटके महिला आरक्षण बिल को पारित कराने के लिए राजग सरकार पर दबाव बनाने के तौर पर देखा जा रहा है। कैप्टन अमरिंदर को लिखे अपने पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि महिलाओं को संसद और विधानसभा में उनका वाजिब हक दिलाने के लिए महिला आरक्षण बिल का संसद से पारित होना जरूरी है। इसीलिए विधानसभा से इस बारे में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाए। विधानसभा के जरिये महिला आरक्षण विधेयक संसद से पारित कराने का प्रस्ताव केंद्र को भेजने के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष का साफ मकसद मोदी सरकार पर दबाव बढ़ाना है।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसद का आरक्षण दिलाने वाले बिल को राज्यसभा ने 9 मार्च, 2010 को पारित कर दिया था। लेकिन लोकसभा में इस विधेयक के लिए कभी वोट नहीं पड़े। लिहाजा, 2014 में 15वीं लोकसभा भंग होने के साथ ही यह विधेयक भी खत्म हो गया था। इसलिए लोकसभा में महिला आरक्षण के विधेयक को नए सिरे से पेश करना होगा। जबकि इस बार का शीतकालीन सत्र लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी पूर्णकालिक सत्र है।


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