भावी ससुराल में रौब झाड़ने को फर्जी आईपीएस बन महिला ने मांगी सिक्योरिटी, खरड़ पुलिस ने दबोचा
फर्जी आईपीएस बन भावी ससुराल में रौब झाड़ने की कोशिश में गिरफ्तारी की गई महिला ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए हैं।
जागरण संवाददाता, मोहाली : अपने भावी ससुराल वालों पर रौब झाड़ने के लिए एक महिला ने फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर पुलिस को खूब परेशान किया। अमृतसर में पुलिस को झांसे में लेने के बाद उसने खरड़ पुलिस से सिक्योरिटी मांगी तो शक होने पर उसे काबू कर लिया गया। पुलिस रिमांड में महिला ने बताया कि गत दिनों फोन पर सिक्योरिटी की मांग करने पर अमृतसर के डीएसपी व एसपी रैंक के अधिकारियों ने उसे हूटर वाली सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी मुहैया करवाई थी। वह 22 नवंबर को अमृतसर पहुंची थी और उसी दिन उसे वहां गाड़ी व सिक्योरिटी मुहैया कराई गई। दो दिन तक उसने उसी हूटर वाली गाड़ी में अमृतसर का दौरा भी किया। रिमांड में महिला ने खुलासा किया कि उसका असल नाम तनिष्का सांगवान नहीं बल्कि प्रीती है।
प्रीती के अनुसार अमृतसर में मिली सफलता के बाद उसके हौसले बुलंद हो गए थे, इसलिए उसे लगा कि वह खरड़ में भी इसका प्रभाव डाल लेगी। प्रीती ने यह भी बताया कि वह खरड़ में वरुण नाम के युवक से शादी करवाना चाहती थी। इसलिए यहां पर अपने भावी ससुराल वालों पर सिक्योरिटी व सरकारी गाड़ी का रौब दिखा अपना रुतबा दिखाना चाहती थी ताकि उसके परिवार वाले उनकी शादी के लिए राजी हो जाएं।
खरड़ में चार लोगों को दिया नौकरी दिलाने का झांसा
प्रीती ने बताया कि खरड़ में उसने चार लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया था, लेकिन अभी तक उसने उनसे पैसों का लेन-देन नहीं किया था। पुलिस ने भी कहा कि फिलहाल ठगी का कोई मामला सामने नहीं आया है।
मोहाली पुलिस ने किया अमृतसर पुलिस से संपर्क
एसएचओ भगवंत सिंह रियाड ने कहा कि उन्होंने अमृतसर पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी है, ताकि पता लगाया जा सके कि वहां मिली सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी की हकीकत क्या है।
यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फॉर रिफ्यूजी के लिए भी कर चुकी है काम
जांच में यह पता चला है कि महिला यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फॉर रिफ्यूजी के साथ काम कर चुकी है। इस दौरान वह 2012 से लेकर 2015 तक विदेश में तैनात रही। सबसे पहले अफगानिस्तान, फिर इस्तांबुल व मलेशिया में काम किया। 2015 में उसने नौकरी छोड़ दी।
क्या था मामला
तनिष्का सांगवान उर्फ प्रीती को मोहाली आए सिर्फ तीन दिन हुए थे। उसने मोहाली के डीएसपी व एसपी रैंक के अधिकारियों को फोन किया और कहा कि मैं आइपीएस आफिसर हूं और केंद्र सरकार के नार्कोटिक्स विभाग में तैनात हूं। मैं मोहाली में ड्रग माफिया की ग्राउंड लेवल पर इंस्पेक्शन करने के लिए आई हूं। इसलिए मुुझे सरकारी गाड़ी व सिक्योरिटी मुहैया करवाई जाए। पुलिस ने शक होने पर उसे गिरफ्तार कर लिया।