भाजपा को मजबूत संगठन पर भरोसा, विकास के बल पर जीतेंगे सभी सीटें : सूद
भाजपा ने इस बार नगर निगम चुनाव के लिए नए चेहरों को तवज्जो दी है। वहीं कई सिटिग पार्षदों की टिकट काट दी गई। टिकट आवंटन के बाद चार नेता नाराज होकर निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। मगर पार्टी कुछ नेताओं की नाराजगी दूर करने में सफल रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़
भाजपा ने इस बार नगर निगम चुनाव के लिए नए चेहरों को तवज्जो दी है। वहीं कई सिटिग पार्षदों की टिकट काट दी गई। टिकट आवंटन के बाद चार नेता नाराज होकर निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। मगर पार्टी कुछ नेताओं की नाराजगी दूर करने में सफल रही है। इस बार पार्टी शहर के वोटरों से पिछले छह साल में हुए विकास के नाम पर वोट मांग रही है। पार्टी को अपने मजबूत संगठन पर भी पूरा विश्वास है। भाजपा के कई स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार के लिए आ रहे हैं। पार्टी ने इस बार सभी 35 सीटों पर जीत का नारा दिया है, लेकिन खुद शहर की सांसद किरण खेर नदारद हैं। पार्टी के चंडीगढ़ अध्यक्ष अरुण सूद इस बार खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। मगर उनका कहना है कि वह प्रत्यक्ष रूप से भले ही किसी एक सीट से प्रत्याशी न हों, लेकिन वह यह मानते हैं कि सभी 35 सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने इस बार पार्टी के कई युवाओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया है। अरुण सूद का दावा है कि बाहरी और लोकल का तो कोई सवाल ही नहीं है। सभी उम्मीदवार चंडीगढ़ के हैं। वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा की चुनावी रणनीति क्या है, इस पर अरुण सूद के साथ दैनिक जागरण के चीफ रिपोर्टर राजेश ढल्ल ने विशेष बातचीत की। सवाल : आपको क्या लगता है कि कितनी सीटें आएंगी। जीत के लिए क्या रणनीति है ?
जवाब : हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि हम सभी 35 सीटों पर जीत दर्ज करेंगें। हम विकास और संगठन के बल पर चुनाव लड़ रहे हैं। हम चुनाव माइक्रो मैनेजमेंट फार्मूला के आधार पर लड़ रहे हैं। सवाल : आपने अन्य दलों के मुकाबले नए चेहरों को क्यों तवज्जो दी। ऐसा क्यों ?
जवाब : नये चेहरों को चुनाव लड़वाना एक अच्छी बात है,अन्य पार्टी की तरह भाजपा में परिवार नहीं पनपे इसलिये युवा और नए चेहरों को भी प्राथमिकता दी गई है। इसी के साथ भाजपा में हम चुनाव को जीतने को योग्यता (विनेबेलिटी) को भी प्रमुख मानते हैं। उम्मीदवार की पार्टी के प्रति निष्ठा और उनकी स्वच्छ छवि और योग्यता को आधार मानकर टिकट दी जाती है। बाहरी और लोकल का तो कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है। सभी उम्मीदवार चंडीगढ़ के हैं। चंडीगढ़ छोटा सा शहर है, यहां बाहरी या लोकल कोई मायने नहीं रखता। सवाल : पार्टी में गुटबाजी बढ़ रही है, उसे समाप्त करने का क्या प्लान है।
जवाब : पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं हैं। सभी नेता से लेकर कार्यकर्ता एकजुट होकर काम कर रहे हैं, जिनका अभी एक ही मकसद है 35 सीटों पर चुनाव जीतना। सवाल : आप स्टार प्रचारकों को बुला रहे हैं। क्या स्थानीय नेताओं पर विश्वास नहीं?
जवाब : भाजपा प्रत्येक चुनाव को बड़ी गंभीरता से लड़ती है। इसके लिए जिस नेताओं की आवश्यकता हो उसे बुलाया जाता है, चुनाव में पार्टी का नेता भी कार्यकर्ता के तौर पर कार्य कर अपनी भूमिका निभाता है। कार्यकर्ता के बलबूते पर ही चुनाव जीते जाते हैं। पहले भी स्टार प्रचारक आते रहे हैं जो कि चुनाव के प्रति पार्टी की गंभीरता का सूचक है। अन्य पार्टियों के पास स्टार प्रचारक या नेता है ही नहीं तो वे कहां से बुलवाएंगे। सवाल : उम्मीदवार तय करने के बाद पार्टी में कई नेता नाराज हुए। उनके बारे में आपको क्या कहना है?
जवाब : भाजपा में ऐसी कोई नाराजगी नहीं है। कई लोगों का व्यक्तिगत स्वार्थ हो सकता है, लेकिन बाकी पार्टियों के मुकाबले बागियों के नामांकन संख्या बहुत कम है। बगावती तेवर दिखाने वालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सवाल : आप खुद चुनाव क्यों नहीं लड़े ?
जवाब : मैं एक सीट से नहीं बल्कि 35 सीटों से चुनाव लड़ रहा हूं। मैंने अपनी सीट से परिवार या अपने कोई रिश्तेदार को सीट न देकर पार्टी के युवा नेता को मौका दिया है जो कि इस बात का सूचक है कि पार्टी वंशवाद या परिवारवाद को छोड़कर युवाओं को भी भरपूर मौका देती है। सवाल : आपने सिटिग पार्षदों की भी टिकट काटी। क्या आपको लगता था कि वह अब चुनाव नहीं जीत सकते?
जवाब : ऐसा कुछ नहीं है। अधिकतर सिटिग पार्षदों को इस बार भी टिकट दिए गए हैं। टिकट आवंटन पार्टी का निर्णय होता है, जिसका आधार सर्वे तथा पार्टी की एक चयन प्रक्रिया होती है। उसी प्रक्रिया के तहत मंडल व जिला स्तर के संगठनों से स्क्रूटनी करने के पश्चात प्रदेश चुनाव समिति ने राष्टीय नेतृत्व की सहमति से प्रत्याशियों की घोषणा की है। स्थानीय और केंद्रीय संचालित नीति द्वारा कई दौर के सर्वे के बाद उत्कृष्ट उम्मीदवार का चयन होता है। हर बार कुछ बदलाव किये जाते है और इस बार भी स्वाभाविक रूप से पार्टी के हित में बदलाव किए गए हैं। सवाल : सांसद किरण खेर लंबे समय से चंडीगढ़ नहीं आ रही हैं। आपको लगता है कि उनके न आने से पार्टी को नुकसान होगा ?
जवाब : सभी को यह जानकारी है कि स्वास्थ्य कारणों व डाक्टरों की सलाह के कारण वह व्यक्तिगत रूप से चंडीगढ़ में उपस्थित नहीं हो सकती है। बावजूद इसके वह पार्टी तथा प्रशासन की प्रत्येक गतिविधियों वर्चुअल रूप से जुड़ी हुई हैं और पार्टी और कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करती रही हैं। प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं। सवाल : क्या आप सांसद पद के अगले उम्मीदवार की रेस में हैं?
जवाब : मैं किसी भी रेस में नहीं हू।ं वर्तमान में पार्टी का अध्यक्ष हूं और पार्टी से मिली जिम्मेदारी को निष्ठापूर्वक निभाने का प्रयास कर रहा हूं। पार्टी जो भी फैसला करेगी वह मेरे ऊपर भी लागू होता है और मैं पार्टी का सिपाही होने के नाते उसे स्वीकार करता हूं।