परसाई के व्यंग्य को दिखाएंगे फिल्मी अंदाज में
वैसे ही दिखाया जाएगा जैसे हरिशंकर परसाई अपने व्यंगात्मक लेखों में लिखा करते थे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : खोखले एंटरटेनमेंट में संदेश देने की एक कोशिश। जिसे वैसे ही दिखाया जाएगा जैसे हरिशंकर परसाई अपने व्यंगात्मक लेखों में लिखा करते थे। इसे रंगमंच पर एक नाटक के रूप में प्रस्तुत करेगी सात्विक आर्ट्स सोसायटी। सोमवार को टैगोर थिएटर-18 में मंचित होने वाले इस नाटक की जानकारी देने पहुंचे निर्देशक शिवम ढल्ल और राजा सुब्रमण्यम। शिवम ने कहा कि नाटक हरिशंकर परसाई के लिखे व्यंग्यात्मक लेखों पर आधारित है। ये 70-80 के दशक के अर्थहीन फिल्मों पर चर्चा करता है। जिसमें सामाजिक संदेश न के बराबर है। बस लोगों को खोखला मनोरंजन परोसकर उन्हें असली मुद्दे से भटकाया जा रहा है। नाटक में हम आम लोगों की भाषा को दिखाया जाएगा। जिसमें उन्हीं के सपने, प्यार और राजनीति पर बात होगी। ये कुछ कर्मचारियों पर आधारित है जिनकी जिदगी में रोमांच नहीं है। बस फिल्म ही उन्हें कुछ मनोरंजन देती है। बात चलती है तो उन्हें लगता है कि आज की फिल्में खोखली हैं। ऐसे में एक कर्मचारी एक उपयुक्त फिल्म लिखने की बात करता है। वो लिख भी देता है मगर अंत में उसके साथी अपनी मर्जी थोपते हुए उसमें वही सब भर देते हैं जो वो नहीं चाहता। शिवम ने कहा कि हरिशंकर परसाई के व्यंग्य को नाटक में लाना अपने में चुनौती थी। इसे मैंने ही नाटक के रूप में लिखा। जिसमें हास्य और कटाक्ष दोनों ही मिलेगा। ये करेंगे अभिनय
राजा ने कहा कि नाटक में एक लंबी टीम काम कर रही है। इसमें शिवम, पूजा पाठक, दिव्यजोत, पुलकित सैनी, दिव्यांशु बिष्ट, मोहनीश कुमार, चेतन राघव, सुनिधि भट्टी, अर्पण माइती, तुषार बंसल, रजत पाल, डॉ. राजन गुप्ता, रमनदीप, अनूप छाबड़ा, दिव्यांशु दूबे, जयंतिका जैन, साध्वी, हरप्रीत, यश, उदय, आदिल, नीशू और गौरव अभिनय करेंगे। नाटक को डिजाइन करने में अमित सनोरिया और सर्वर अली ने मदद की। इसके अलावा इसमें संगीत परिकल्पना हरि नारायण छदर की रहेगी।