ऐसी बेटियों पर किसे नहीं होगा नाज, हालात कैसे भी रहे मंजिल पाकर लिया दम
दैनिक जागरण ने शुक्रवार को रिजल्ट घोषित होने के बाद कुछ सफल वुमेंस कैंडिडेट्स से विशेष बातचीत कर उनकी सफलता के मंत्र जाने।
चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। पीसीएस (ज्यूडीशियल ब्रांच) में जज चयनित युवाओं की सफलता का सफर इतना आसान नहीं होता। इस परीक्षा में सेलेक्ट हुए अधिकतर युवा सामान्य परिवारों से हैं। जो दूसरे युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बने हैं। आर्थिक या परिवार के हालात कैसे भी रहे हों लेकिन बेटियों के सपनों को पूरा करने में परिवार का पूरा सहयोग मिला है। जागरण ने शुक्रवार को रिजल्ट घोषित होने के बाद कुछ सफल वुमेंस कैंडिडेट्स से विशेष बातचीत कर उनकी सफलता के मंत्र जाने।
पिता ने किया विश्वास मैने करके दिखाया : अनुभा जिंदल
पीसीएस ज्यूडीशियल में जनरल कैटेगरी में आठवें स्थान पर रहने वाली अनुभा जिंदल मूल रूप से संगरूर के लौंगेवाला टाउन की निवासी हैं। 12वीं करने के बाद बेटी ने जब ज्यूडीशियल की पढ़ाई की इच्छा जाहिर की तो पिता रामगोपाल जिंदल ने बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए हामी भर दी। पीयू के यूआइएलएस से लॉ डिग्री ओवरऑल दूसरा स्थान पाकर पूरी की। दैनिक जागरण से बातचीत में अनुभा ने कहा कि पिता ने मुझपर विश्वास कर घर से बाहर भेजा तो मैं आज यह कर सकी। परिवार के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। हरियाणा, राजस्थान, पंजाब में जज चुनी जा चुकी अनुभा ने दिल्ली में भी लिखित परीक्षा पास कर ली है। पढ़ना और नई चीजों के बारे में जानकारी हासिल करना अच्छा लगता है। मां सुषमा जिंदल और छोटे भाई ने भी हमेशा हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि असफलता पर निराश नहीं होना चाहिए और लगातार प्रयास करना चाहिए।
बेटियां बढ़ा रही पेरेंट्स का मान : वैष्णवी सिक्का
सेक्टर-38 के मकान नंबर-5598 में शुक्रवार देर शाम बधाइयों का दौर शुरू हो गया। राकेश सिंगला की बेटी वैष्णवी सिक्का ने पीसीएस ज्यूडीशियल में 12वां रैंक हासिल किया है। वैष्णवी ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि परिवार ने हमेशा उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। पिता बिजनेसमैन और मां डॉ. मोनिका सिक्का जीसीजी-11 में सोशोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। पहले ही चांस में वैष्णवी ने ज्यूडीशियल की परीक्षा पास की है। विवेक हाई स्कूल से 12वीं के बाद पीयू के यूआइएलएस से एलएलबी पांच वर्षीय डिग्री हासिल की है। मूट कोर्ट सहित लिटेरेरी एक्टिविटी में भी इन्होंने कई पुरस्कार हासिल किए हैं। पढ़ना और मूवी देखना इनकी हॉबी हैं। मां को अपनी रोल मॉडल मानती हैं। बीते दो साल से तैयारी में जुटी थी और सोशल लाइफ बंद थी। परीक्षा में फोकस पढ़ाई से ही अच्छा रिजल्ट मिल सकता है।
प्रभजोत कौर, पिता ओमप्रकाश, मां रणजीत कौर और बहन के साथ।
गांव की बेटी ने किया नाम रोशन
पीयू के यूआइएलएस विभाग की स्टूडेंट रही प्रभजोत कौर ने खास मुकाम हासिल किया है है। मूल रूप से जालंधर के भूंडिया गांव की निवासी प्रभजोत का बचपन गांव में ही बीता है। अब भी परिवार गांव में रहता है। दैनिक जागरण से बातचीत में प्रभजोत ने बताया कि उनका 2019 में दिल्ली ज्यूडीशियल सर्विसेस में चयन हो गया था। अब उन्हें अपने होम स्टेट में आने का मौका मिल सकेगा। पहले ही प्रयास में इन्होंने ज्यूडीशियल सर्विसेज में सफलता हासिल की है। अपनी सफलता में पिता ओमप्रकाश, मां रंजीत कौर का विशेष योगदान मानती हैं। उन्होंने कहा कि ज्यूडीशियल सर्विसेस में आने का मकसद लोगों को जल्द से जल्द न्याय दिलाना है। प्रभजोत को भी पढ़ने का काफी शौक है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें