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रेत के खेल में फंसे विधायकों को नहीं मिलेगी कैबिनेट में जगह

पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की नीति कई विधायकों के सपने तोड़ सकती है। रेत के खेल में घिरे विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं दी जाएगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 11 Feb 2018 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 09:23 AM (IST)
रेत के खेल में फंसे विधायकों को नहीं मिलेगी कैबिनेट में जगह
रेत के खेल में फंसे विधायकों को नहीं मिलेगी कैबिनेट में जगह

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। कैबिनेट विस्तार की तैयारी कर रही कांग्रेस सरकार रेत के खेल में फंसे विधायकों को तरजीह नहीं देगी। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की नीति कई विधायकों के सपने तोड़ सकती है, क्योंकि रेत के खेल में उलझे विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी खासे संजीदा हो गए हैं।

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मुख्यमंत्री ने खनन विभाग से जानकारी मांगी थी कि कितने विधायक रेत खनन को लेकर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। इस लिस्ट में करीब 30 से अधिक विधायक हैं। यही कारण है कि कैप्टन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रेत खनन के मामले में किसी प्रकार के राजनीतिक दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाए।

सूत्र बताते हैं कि कैप्टन ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही इस बात को साझा किया। क्योंकि राहुल गांधी कैबिनेट विस्तार में नए चेहरों को भी शामिल करना चाहते थे। दस साल बात सत्ता में आई कांग्र्रेस के कई नए विधायक रेत के खेल में शामिल थे।

एक तरफ राहुल गांधी जहां नए चेहरों को कैबिनेट विस्तार में शामिल करना चाहते हैं। वहीं, उनकी नीति यह भी है कि भ्रष्टाचार को कांग्र्रेस प्रशासन में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचार के कारण ही राहुल गांधी ने कैप्टन सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा ले लिया था। क्योंकि उनके ऊपर नहरी विभाग के ठेकेदार गुङ्क्षरदर सिंह से पांच करोड़ रुपये उनकी कंपनी द्वारा लिए जाने के आरोप थे।

राहुल गांधी द्वारा नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल करने के निर्देश के बाद से कांग्रेस में खासी हलचल मची हुई है। बड़ी संख्या में पहली व दूसरी बार विधायक बनने वाले भी इस जुगत में हैं कि कहीं मंत्रिमंडल विस्तार में उनका भी दांव लग जाए। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा रेत खनन मामले में संलिप्त विधायकों की लिस्ट बनवाने की सूचना के साथ ही इन विधायकों में खासी बेचैनी कि कहीं ऐसा न हो कि रेत का खेल उनके राह में बाधा न बन जाए।

यही कारण है कि कई विधायकों ने समय रहते ही रेत खनन से किनारा करना शुरू कर दिया है। कैप्टन की विधायकों को रेत खनन के धंधे से दूर करने की कैप्टन की नीति भी सफल होती दिखाई दे रही है। अब देखना है कि कैबिनेट विस्तार में कांग्र्रेस कितने हद तक अपने दामन को भ्रष्टाचार से बचा पाती है।

भ्रष्टाचार पर पार्टी की नीति स्पष्ट: जाखड़

कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी नए चेहरों को मौका देने के पक्षधर हैं। भ्रष्टाचार को लेकर भी उनकी नीति स्पष्ट है। किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रेत खनन को  लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नीति भी साफ है। वह कह चुके हैं कि अवैध रेत खनन में किसी भी प्रकार की राजनीतिक दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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