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चाहे आग गगन से बरसे, चाहे पानी को मन तरसे, चल रे कांवड़िया शिव के द्वार..

सावन में सिटी ब्यूटीफुल शिवमय हो चुका है। सावन के दूसरे सोमवार को भी शहर के मंदिरों में शिव भक्तों की लंबी कतारें नजर आई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 08:32 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 06:30 AM (IST)
चाहे आग गगन से बरसे, चाहे पानी को मन तरसे, चल रे कांवड़िया शिव के द्वार..
चाहे आग गगन से बरसे, चाहे पानी को मन तरसे, चल रे कांवड़िया शिव के द्वार..

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सावन में सिटी ब्यूटीफुल शिवमय हो चुका है। सावन के दूसरे सोमवार को भी शहर के मंदिरों में शिव भक्तों की लंबी कतारें नजर आई। लगभग हर चौराहे और मुख्य सड़क पर हाथ में कांवड़ लिए शिव भक्तों की टोली मस्ती में आगे बढ़ रही थी। उस टोली में हर एज ग्रुप के लोग शामिल थे। पैदल चलने से किसी के पैर में घाव बन गए थे तो कोई थककर चूर नजर आ रहा था। भूख-प्यास और पैरों के छाले की चिता किए बगैर वे भोले बम भोले के नारे लगाते हुए मस्ती में चले जा रहे थे। बाबा के दर्शन और जल चढ़ाने की चाह उनके कष्ट पर भारी पड़ रही थी। मंदिरों में सुबह से लगी भीड़ चंडीगढ़ के सेक्टर-24 स्थित शिवालय खेमपुरी में सबसे ज्यादा भीड़ नजर आई। मंदिर में शिवालय के साथ ही राम परिवार, लक्ष्मी नारायण, शीतला माता, सरस्वती माता, संतोषी माता का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का शिवलिग स्वयंभू है। इसलिए सावन में यहां शिव को जल ढ़ारने के लिए सिर्फ चंडीगढ़ से ही नहीं दूर-दराज से भी भक्तगण आते हैं। इसके अलावा सनातन धर्म मंदिर सेक्टर 8, सेक्टर 23, सनातन धर्म मंदिर सेक्टर-15, शिव मंदिर सेक्टर 24, माता वैष्णों देवी मंदिर फेज- 3बी वन, सेक्टर 30 स्थित काली माता मंदिर और धनास स्थित सनातन धर्म मंदिर शामिल हैं। भांग-धतूरा और मदार शिव को किया अर्पित सोमवार को शिव के विशेष पूजा-अर्चना का विधान होने के कारण भांग-धतूरा, मदार और बिल्वपत्र की खूब खरीदारी हुई। मंदिरों के बाहर फूलवालों ने इसके लिए मनमाने दाम लिए। भक्तों ने भी कीमत की चिता किये बगैर शिव को भाने वाले फ ल, फूल की खरीदारी की। सेक्टर-8 स्थित सनातन धर्म मंदिर में पूजा करने आई सुजाता सिंह का कहना है कि भगवान शिव को भांग, धतूरा और मदार के फूल की माला अर्पित करने का विधान है। इसलिए सावन के सभी सोमवार पर मैं उन्हें यही अर्पित करती हूं। शिव भक्तों के लिए लगे शिविर सावन में कांवड़ लेकर चलने वाले भक्तों के लिए चंडीगढ़ में जगह-जगह शिविर भी लगाए गए हैं। जहां उन भक्तों की सेवा करने के लिए सेवादार मौजूद हैं। ये सेवादार उन भक्तों के पैर धूलने से लेकर उसके पांव दबाने तक की सेवा कर रहे हैं। इन शिविरों में आठ साल के बच्चे से लेकर 70 साल तक के वृद्ध शामिल हैं। इन सेवादारों का कहना है कि शिव के भक्तों की सेवा से बड़ी और कोई भक्ति क्या होगी। वहीं शिव कांवड़ महासंघ चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सावन माह में कांवड़ियों के लिए विशेष सहायता एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। शिव के भजनों की बही गंगा सावन में कांवड़ियों के जत्थे के साथ शिव भक्ति के बोल भी गूंज रहे हैं। कहीं पंजाबी तो कहीं हिन्दी और भोजपूरी शिव भजन की गंगा बह रही है। इन भजनों में मुख्य रूप से बम-बम बोल रहा है काशी, चल रे कांवड़िया शिव के द्वार, हाथी न घोड़ा न कवनो सवारी, भजन मुख्य हैं।

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