जीरकपुर में कब बंद होंगे नियमों को ताक पर रख चलने वाले ये डिस्कोथेक
प्रशासन ने जिले में चल रहे सभी डिस्कोथेक पर कमान कस दी थी।
संदीप कुमार, मोहाली : चार अगस्त की देर रात फेज-11 में वॉकिंग स्ट्रीट डिस्कोथेक के बाहर सीएम सिक्योरिटी में तैनात 24 वर्षीय कमांडो सुखविदर की गोली लगने से हुई मौत के बाद बेशक एक बार प्रशासन ने जिले में चल रहे सभी डिस्कोथेक पर कमान कस दी थी। परंतु कुछ दिनों की सख्ती के बाद जीरकपुर में फिर से नियमों की धज्जियां उड़ाकर डिस्कोथेक सुबह 3 से 4 बजे तक चल रहे हैं। हैरत की बात है कि इस बारे में आलाधिकारी जानते हैं कि उनके अधिकार क्षेत्र में देर रात तक नियमों को ताक पर रख कर डिस्कोथेक वाले अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। पुलिस की मिलीभगत के बिना देर रात तक डिस्कोथेक चलना नामुमकिन हैं। यहां बता दें कि खुद डिस्कोथेक के बाहर तैनात किए बाउंसरों ने कहा कि डिस्को 12 बजे बंद नहीं होगा क्योंकि पुलिस को उनके मालिक महीना पहुंचाते हैं। सीएम सिक्योरिटी में था, इसलिए दिखानी पड़ी सख्ती
दरअसल 4 अगस्त को मारे गए फाजिल्का जिले के गांव रुडीवालां कालेवाला, जलालाबाद निवासी सुखविदर कुमार सीएम सिक्योरिटी में तैनात था। उसका गोली मारकर कत्ल करने वाले चरनजीत सिंह उर्फ साहिल को चंद घंटों में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सुखविदर सीएम सिक्योरिटी में तैनात था, अगर आम तौर पर ऐसी वारदात हुई होती तो पुलिस इतनी सख्ती कभी नहीं दिखाती। इससे पहले भी डिस्क के अंदर व बाहर कई लड़ाई -झगड़े व हवाई फायर तक हुए हैं परंतु वह मामले सरकारी फाइलों में दबकर रह गए हैं। सीएम सिक्योरिटी में तैनात कमांडो की मौत के बाद सभी डिस्कोथेक को समय पर बंद करने के दावे किए गए और लापरवाही करने पर एसएचओ फेज-11 जगदेव सिंह को सस्पेंड तक किया गया परंतु अब जब डीएसपी डेराबस्सी गुरबख्श सिंह के अधिकार क्षेत्र में नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं तो आलाधिकारी उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे। डिस्को के बाहर बोतल रख युवा पीते हैं शराब
बता दें कि पंचकूला रोड पर खुले डिस्क हिपनोटिक्स व चंडीगढ़ रोड पर खुले डिस्क पिट ब्लू और डेराबस्सी में खुले डिस्क अड्डा नियमों की खुलकर धज्जि्यां उड़ा रहे हैं। यह वह डिस्क हैं जहां पुलिस की मौजूदगी में सुबह 3 से 4 बजे तक डिस्कोथेक चल रहे हैं। यही नहीं, पुलिस के सामने सरेआम युवा डिस्क के बाहर शराब की बोतल रख जाम छलका रहे हैं जिनमें युवतियां भी शामिल हैं। जिनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जिक्रयोग है कि जीरकपुर में चल रहे डिस्कोथेक को पुलिस की मिलीभगत से चलाया जा रहा है परंतु डेराबस्सी में चल रहे डिस्क अड्डा को आलाधिकारियों ने जानते हुए भी नजरअंदाज किया हुआ है। नाममात्र की दिखाई जा रही सख्ती
देर रात साढे़ 12 बजे डिस्कोथेक में चल रही पार्टी का पता चलते ही मीडिया द्वारा डीएसपी डेराबस्सी गुरबख्श सिंह को सूचित किया गया। डीएसपी अपनी गाड़ी में मौके पर पहुंचे और गाड़ी से बाहर नहीं निकले। उन्होंने मौके पर तैनात पीसीआर मुलाजिमों को बुलाकर डिस्कोथेक के मालिकों को बाहर बुलाया। जब फोटो जर्नलिस्ट ने डीएसपी व डिस्क मालिकों में हो रही बातचीत करने का फोटो खींचा तो वे भड़क गए और मीडिया कर्मी को ऐसा करने से रोका। दूसरी तरफ मीडिया को मौके पर देखकर उन्होंने तुरंत डिस्क मालिकों को डिस्क बंद करने को कहा और मौके से चले गए। परंतु उनके निर्देशों के बाद भी सुबह 3 बजे तक डिस्क चलते रहे जिसकी वीडिया भी वायरल हो रहा है। न मैं गया और न ही मुझे जानकारी
डीएसपी डेराबस्सी गुरबख्श सिंह मान ने कहा कि रात 12 बजे तक डिस्क बंद करवाने के लिए एसएचओ को बोला गया है। जब उन्हें बताया गया कि आप खुद मौके पर मौजूद थे तो वह बोले नहीं, मैं नहीं गया मेरी तो नाके पर ड्यूटी थी। जब उन्हें बताया कि गया कि डेराबस्सी में डिस्को अड्डा के बाहर सरेआम शराब पी जा रही थी तो पहले वह बोले उनके पास लाइसेंस होगा जब उन्हें बताया गया कि शराब बाहर पी जा रही थी तो वे बोले मुझे इसकी जानकारी नहीं है।