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टोक्यो में अभिनव बिद्रा जैसा इतिहास दोहराने का मौका

अब पूरे देशवासियों की तरह अभिनव बिद्रा की भी ख्वाहिश होगी कि इस बार टोक्यो ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले देश के शूटर उनकी तरह इतिहास रचें।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 06:57 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 06:57 AM (IST)
टोक्यो में अभिनव बिद्रा जैसा इतिहास दोहराने का मौका
टोक्यो में अभिनव बिद्रा जैसा इतिहास दोहराने का मौका

वैभव शर्मा, चंडीगढ़

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दो बार ओलिपिक में हिस्सा लेने के बावजूद मेडल न जीतने की टीस लेकर जब चंडीगढ़ के रहने वाले शूटर अभिनव बिंद्रा साल 2008 के बीजिग ओलिपिक के मुकाबले में उतरे तो शायद ही किसी को विश्वास था कि यह खिलाड़ी इतिहास रचेगा। मगर उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर कीर्तिमान बनाते हुए सभी को चौंका दिया था। अभिनव बिद्रा ऐसे एक मात्र भारतीय हैं जिन्होंने ओलिंपिक की एकल प्रतिस्पर्धा में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने बीजिंग ओलिपिक में 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में गोल्ड जीता था। अभिनव बिद्रा पांच ओलिपिक मुकाबलों में हिस्सा ले चुके हैं। 2008 का ओलंपिक वह समय था जब देशवासियों को लंबे अंतराल के बाद जश्न मनाने का मौका मिला। 1980 में मास्को ओलिपिक (28 साल) के बाद अभिनव ने देश की झोली में स्वर्ण पदक डाला था। मास्को ओलिपिक में तब हॉकी टीम ने गोल्ड जीता था। अब पूरे देशवासियों की तरह अभिनव बिद्रा की भी ख्वाहिश होगी कि इस बार टोक्यो ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले देश के शूटर उनकी तरह इतिहास रचें। चंडीगढ़ के लिए खास बात यह है कि इस बार शहर के रहने वाले तीन शूटर्स को टोक्यो ओलिपिक का टिकट मिला है। 1998 के राष्ट्रमंडल खेल में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे अभिनव

जहां अभिनव के नाम देश का एकल गोल्ड मेडल जीतने का रिकार्ड है। वहीं 15 साल की उम्र में बिद्रा 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे कम उम्र के प्रतिभागी थे। इसके अलावा वह सिडनी में 2000 के समर ओलिपिक में सबसे कम उम्र के भारतीय प्रतिभागी भी थे। 2000 के ओलिपिक में, उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में 11वें स्थान पर रहते हुए 590 का स्कोर हासिल किया था। इसी वर्ष उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने अपना पहला पदक कांस्य के रूप में मिला था, जहां 2001 म्यूनिख विश्व कप में 597/600 के एक नए जूनियर विश्व रिकॉर्ड स्कोर बनाया था। पांच ओलिपिक का हिस्सा रहे हैं अभिनव

अभिनव ने वर्ष 2000 सिडनी ओलिपिक से लेकर साल 2016 में रियो ओलिपिक में लगातार हिस्सा लिया था। इनमें सफलता केवल 2008 ओलिपिक में मिली थी। वहीं 2016 रियो ओलंपिक में भी बिद्रा ब्रांज मेडल से चुक गए थे। फाइनल मुकाबलें में अभिनव ने 163.8 प्वाइंट हासिल किए थे और वह चौथे स्थान पर रहे थे और यह उनका अंतिम ओलिपिक था। इस बार अंजुम मोदगिल, अंगदवीर बाजवा और यशस्विनी सिंह देसवाल दिखाएंगे कमाल

इस बार शूटिग में शहर के तीन खिलाड़ी हिस्सा ले रहे है। इनमें 10 मीटर एयर राइफल में अंजुम मोदगिल, स्कीट स्पर्धा में अंगदवीर बाजवा और 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में यशस्विनी सिंह देसवाल का नाम शामिल है। इन सभी खिलाड़ियों ने अपने हाल ही के टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसे दम पर उन्हें ओलिपिक का टिकट हासिल हुआ है। अभिनव बिद्रा की प्रोफाइल

नाम- अभिनव बिद्रा

जन्म- 28 सितंबर 1982, देहरादून, उत्तराखंड

पिता का नाम- अपजीत बिद्रा

माता का नाम- बबली बिद्रा

पत्नी का नाम- रितु कुमारी

पढ़ाई- बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) अभिनव की उपलब्धियां- ओलिपिक-

- 2000 सिडनी ओलिपिक में 11वां स्थान

- 2004 एथेंस ओलिपिक में सातवां स्थान

- 2008 बीजिग ओलंपिक में गोल्ड मेडल

- 2012 लंदन ओलंपिक में 16वां स्थान और 2016 रियो में चौथा स्थान

- व‌र्ल्ड चैंपियनशिप- 2006 जगरेब (क्रोएशिया) गोल्ड राष्ट्रमंडल खेल-

2002 मैनचेस्टर (पेयर इवेंट) में गोल्ड

- 2002 मैनचेस्टर (सिगल इवेंट) में सिल्वर

- 2006 मेलबोर्न (पेयर इवेंट) में गोल्ड

- 2006 मेलबोर्न (सिगल इवेंट) में सिल्वर

- 2010 नई दिल्ली (पेयर इवेंट) में गोल्ड

- 2010 नई दिल्ली (सिगल इवेंट) में सिल्वर

- 2014 ग्लासगो (सिगल इवेंट) में गोल्ड एशियन गेम्स-

- 2010 गुआंगजौ (टीम इवेंट) में सिल्वर

- 2014 इनचान (टीम इवेंट) में ब्रांज और 2014 इनचान (पुरुष इवेंट) में ब्रांज अवॉर्ड-

- साल 2000 में अर्जुन अवॉर्ड

- 2002 में राजीव गांधी खेल रत्न (भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार)

- 2008 में एसआरएम विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट उपाधी

- 2009 में पद्म विभूषण

- 2011 में भारतीय प्रादेशिक सेना की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल बनाया गया

- 2018 में ब्लू क्रॉस, इंटरनेशनल शूटिग स्पोर्ट फेडरेशन की ओर से सर्वोच्च शूटिग सम्मान

- 2019 में काजीरंगा विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट (डी.फिल) उपाधी।


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