स्मार्ट घड़ियों का फायदा-नुकसान कमेटी करेगी तय
नगर निगम के जिन चार हजार कर्मचारियों को स्मार्ट वॉच मिली हुई है वह पहने रखेंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
नगर निगम के जिन चार हजार कर्मचारियों को स्मार्ट वॉच मिली हुई है, वह पहने रखेंगे। वीरवार को सदन की बैठक में स्मार्ट घड़ियों के प्रस्ताव पर भाजपा और कांग्रेस पार्षदों ने जमकर चर्चा की। तय हुआ कि एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो कि यह देखेगी कि इन घड़ियों के क्या फायदे और नुकसान हैं। इसकी एक रिपोर्ट बनाकर कमेटी अगले माह होने वाली सदन की बैठक में लाएगी। इसके बाद स्मार्ट घड़ियों का भविष्य तय किया जाएगा।
पिछले सप्ताह स्मार्ट घड़ियों को वापस करने के मुद्दों पर सफाई कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल की थी। जबकि कमिश्नर केके यादव ने कहा कि कंपनी से तीन साल का एग्रीमेंट हुआ है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई व्यवस्था लागू होती है तो सुधार में समय लगता है। जबकि फैसला वापस लेना आसान होता है। मालूम को कि सफाई कर्मचारी यूनियन को संभावना थी कि घड़ियां वापस करने का फैसला हो जाएगा।
सदन की बैठक में पूर्व मेयर राजेश कालिया ने कहा कि स्मार्ट घड़ियों की शिकायतें भी आ रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की लोकेशन दूसरे राज्यों की भी आ रही है। इन घड़ियों का क्या फायदा मिला इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। पूर्व मेयर अरुण सूद ने कहा कि इस समय नगर निगम में वित्तीय संकट है ऐसे में इस स्थिति में हर माह घड़ियों का किराया ही 17 लाख रुपये जा रहा है। 323 शिकायतें आई तीन माह में
कमिश्नर केके यादव ने बताया कि तीन माह पहले यह घड़ियां कर्मचारियों को दी गई थी। इसकी अब तक 323 शिकायतें आई है। इसमें 189 शिकायतें बैटरी न चार्ज करने की थी। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि जबकि एमओएच डॉ. अमृत वंडिग यह कह रहे हैं कि उनके पास कोई शिकायत हीं नहीं आई है। कमिश्नर ने कहा कि साल 2018 में जब घड़ियां लेने का प्रस्ताव पास किया था उस समय सभी पार्षदों ने इसकी तारीफ की थी। पानी के अवैध कनेक्शन होंगे रेगुलर
सदन की बैठक ने नगर निगम के अंर्तगत आने वाली कॉलोनियों और गांव में लगे अवैध पानी के कनेक्शन रेगुलर करने का प्रस्ताव पास किया जिसके नगर निगम ने रेट भी तय किए हैं जिनका पब्लिक नोटिस निकाला जाएगा। उठे सवाल- तीन गुना चालान कैसे बढ़ गए
सदन की बैठक में पूर्व मेयर अरुण सूद और सीनियर डिप्टी मेयर रवि कांत शर्मा ने नगर निगम की कारगुजारी पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चालान काटने से तीन गुना कमाई बढ़ गई। ऐसा कैसे हो गया। उन्होंने कहा कि गरीब वेंडर्स के चालान काटे जा रहे हैं लेकिन बड़े अतिक्रमण करने वालों को छोड़ा जा रहा है।इस मौके पर भाजपा पार्षद अनिल दूबे ने बागवानी विभाग के कार्यकारी अभियंता जंगशेर पर भी आरोप लगाए जिनकी डयूटी सुबह सवेरे सेक्टर-26 मंडी में अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई के लिए लगाई गई है।दूबे ने कहा कि वह वेंडर्स को मारते भी है और जो सब्जी और फल जब्त किया जाता है उसे गुरूद्वारे में देने का दावा किया जाता है। पूर्व मेयर अरुण सूद ने कहा कि गुरुद्वारे में सामान देने का क्या कोई रिकार्ड है।सीनियर डिप्टी मेयर रवि कांत शर्मा ने मिलीभगत के आरोप लगाए जिस पर मेयर राजबाला मलिक ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब्त सामान को गुरुद्वारे में देने का अधिकार जंगशेर सिंह को किसने दिया।सीनियर डिप्टी मेयर रवि कांत ने विजिलेंस जांच की मांग की। सूद ने कहा कि फेस्टिवल सीजन है ऐसे में जो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर लगाम लगान चाहिए। अतिक्रमण हटाओ दस्ते को चालान काटने के टारगेट दिए गए हैं जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश है।मनोनीत पार्षद चरणजीव सिंह ने भी दिवाली तक चालान काटने की कार्रवाई बंद करने के लिए कहा। मोदी सरकार के सौ दिन के कार्यकाल में प्रस्तावित सड़क भी नहीं बनी
सदन की बैठक में शहर की सड़कों की खस्ता हालत का मामला हर पार्षद ने उठाया। जबकि यह भी मामला सामने आया कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में चंडीगढ़ प्रशासन ने शुरुआत के 100 दिन में जो काम करने का दावा किया था उसमें सेक्टर-38 वेस्ट मोटर मार्केट की भी सड़क शामिल है। जबकि वार्ड पार्षद अरुण सूद ने कहा कि यह सड़क की कारपेटिग आज तक नहीं हुई है। उन्होंने कि प्रधानमंत्री कार्यालय को भी इस सड़क की कारपेटिग करने के बारे में बताया गया जबकि आज तक सड़क की कारपेटिग क्यों नहीं हुई इसका कारण नहीं बताया गया।