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सुखना लेक को मिला वेट लैंड का दर्जा, अब शुरू होगी अस्तित्व बचाने की जंग Chandigarh News

सुखना में आ रहे सीवरेज के पानी को रोकने के लिए सख्ती की जाएगी और साथ लगते राज्यों से गंदा पानी इस तरफ आता है उसको रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

By Edited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 05:31 PM (IST)
सुखना लेक को मिला वेट लैंड का दर्जा, अब शुरू होगी अस्तित्व बचाने की जंग Chandigarh News
सुखना लेक को मिला वेट लैंड का दर्जा, अब शुरू होगी अस्तित्व बचाने की जंग Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ प्रशासन ने सुखना लेक को वेट लैंड का दर्जा दे दिया है। इस दर्जे से सुखना का अस्तित्व अब बचाया जा सकेगा। सुखना में आ रहे सीवरेज के पानी को रोकने के लिए सख्ती की जाएगी और साथ लगते राज्यों से गंदा पानी इस तरफ आता है, उसको रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। सुखना के आसपास अतिक्रमण रोकने के लिए काम किया जाएगा। सिटको टूरिज्म के साथ-साथ सुखना को साफ-सुथरा किस तरह से रखना है। इसको लेकर भी ध्यान देगा। इसके साथ ही इंजीनियरिंग विभाग सुखना को सही तरीके से मेंटेन रखेगा। लोगों की राय लेने के लिए ग्रीवांस रीड्रेसल सेल बनेगा। इसमें लोगों की शिकायतें सुनी जाएंगी।

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सुखना लेक में होने वाली एक्टिविटीज से लेकर बाकी सभी तरह की मंजूरी अथॉरिटी से लेनी पड़ेगी। लेक में एनवायरमेंट एक्ट पूरी तरह से लागू होगा। साथ ही कैचमेंट एरिया से लेक की तरफ आने वाले पानी में जहा भी अड़चनें इस समय मौजूद हैं, उन सबको हटाना पड़ेगा। इससे नेचुरल वॉटर रिसोर्स के जरिये ही लेक को भरा जाएगा। पहले भी की गई वेट लैंड घोषित इससे पहले प्रशासन ने अपने स्तर पर 1992 में सुखना को वेट लैंड घोषित किया था। लेकिन मिनिस्ट्री ऑफ एनवायर्नमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के लिए उस समय इसका कोई महत्व नहीं था। मिनिस्ट्री ने नवंबर 2017 में सुखना वेट लैंड नोटीफाई किया था। मिनिस्ट्री ने प्रशासन को अपने स्तर पर एक अथॉरिटी बनाकर अपने लेवल पर ही सुखना लेक को वेट लैंड घोषित करने को लेकर निर्देश दिए थे। इसके बाद यूटी प्रशासन ने 3 दिसंबर 2017 को ही इस अथॉरिटी का गठन कर दिया था। इसके बाद अथॉरिटी की टेक्निकल कमेटी ने नोटिफिकेशन का ड्राफ्ट फाइनल किया।

देशभर में 116 वेट लैंड चिह्नित

वेट लैंड में भूमि के उस क्षेत्र को शामिल किया जाता है जहां पानी का तल लगभग जमीन की सतह के साथ ही होता है। ऐसे स्थान जैविक विविधता का प्रोत्साहित करने के साथ, भूमिगत जल के प्राकृतिक रीचार्ज, जल शोधन, भू-कटाव को नियंत्रित करने का प्राकृतिक स्त्रोत होते हैं। देश में अब तक ऐसे 115 वेटलैंड को चिह्नित किया गया था। अब सुखना लेक भी इसमें शामिल होकर संख्या 116 हो गई है। इनमें से 26 को अंतरराष्ट्रीय महत्व का माना गया है।

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