समाज में सिर उठाकर चले ट्रासजेंडर समुदाय, वेबिनार में अधिकारों के लिए कानून बनाने की मांग
वेबिनार में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जसवंत सिंह मुख्य अथिति के तौर पर मौजूद रहे।
चंडीगढ़, जेएनएन। ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के सामने अनेक चुनौतियां है जो उन्हें समाज में सिर उठाकर चलने का मौका नहीं देती है। ऐसे में जरूरी है कि उनके समाधान के लिए कानून बने। यह मांग ट्रांसजेंडर वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष काजल मंगलमुखी ने उठाई है। वह ट्रांसजेंडर कम्युनिटी की दिक्कतों और जरूरतों पर स्टेट लीगल सर्विस आथोरिटी की तरफ से आयोजित वेबिनार में हिस्सा ले रही थीं।
वेबिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जसवंत सिंह मौजूद रहेे। चर्चा के दौरान ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के प्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने पेश आ रहीं चुनौतियों को सामने रखा और उनके समाधान की अपील की। काजल ने बताया कि सबसे बड़ी मुश्किल बच्चों को गोद लेने में आती है। जो बच्चे बचपन से ही ट्रांसजेंडर होते हैं, उन्हें उनके घर वाले छोड़ देते है। इसके बाद उन्हें गोद लेने के लिए यदि डेरे आगे आते हैं तो उनके सामने बच्चे का अभिभावक बनना, उसका स्कूल में दाखिला करवाने, आधार कार्ड बनवाने जैसी दिक्कतें आती है। इसके अलावा, उन्हें पढ़ाई के बाद नौकरी पाने में भी मुश्किल आती थी। यह तब है जब संसद ने इसके लिए नियम बना दिए हैं लेकिन आज तक वह लागू नहीं हुए हैं।
चंडीगढ़ में रविवार को ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी को पेश आ रहीं समस्याओं पर चर्चा करते हुए समाजसेवी, लीगल एक्सपर्ट्स व अन्य।
शादी करने का भी मिले अधिकार
ट्रांसजेंडर के अधिकारों पर बोलते हुए काजल ने कहा कि हम जब तक चल सकते हैं, तब तक हम अपने बल पर जीवन जीते हैं। फिर, उम्र के एक पड़ाव के बाद हमें अपनों की जरूरत होती है। इसके लिए हमें शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए। हमें शादी करने का अधिकार एक सामान्य व्यक्ति से नहीं बल्कि ट्रांसजेंडर से ही मिलना चाहिए ताकि हम अपने अनुभवों को किसी दूसरे के साथ सांझा कर सकें और एक आम इंसान की तरह जीवन जी सकें।
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें