अमरिंदर बोले-कनाडा के पीएम का है स्वागत, लेकिन उनके मंत्रियों का नहीं
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का पंजाब में स्वागत करेंगे। लेकिन, वहां के दो मंत्रियों हरजीत सिंह व नवदीप बैंस का स्वागत नहीं करेंगे।
चंडीगढ़, [इंद्रप्रीत सिंह]। पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कहा है कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का स्वागत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनके दो मंत्रियों हरजीत सिंह आैर नवदीप सिंह बैंस उन्हें स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने इस बारे में केंद्र सरकार को भी अवगत करवा दिया है। उनकी अमृतसर यात्रा के दौरान अगर कनाडा और भारत सरकार चाहेगी, तो वह उनके स्वागत को जाएंगे।
कहा, खालिस्तानी समर्थकों को हवा देकर पंजाब का माहौल खराब करना चाहते हैं ऐसे लोग
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच आपसी सहमति की बात है, लेकिन वह जस्टिन ट्रूडो के साथ आने वाले मंत्रियों हरजीत सिंह और नवदीप सिंह बैंस का स्वागत नहीं करेंगे। कैप्टन ने कहा कि ये लोग ही कनाडा में बैठकर खालिस्तानी समर्थकों को हवा देते रहते हैं और विभिन्न सोशल मीडिया चैनलों के जरिए पंजाब का माहौल खराब करना चाहते हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पहले ही अपने 35 हजार युवाओं को खो चुका है। अगर अब इस तरह के तत्वों को और प्रोत्साहन दिया गया और राज्य का माहौल खराब हो गया, तो यहां निवेश कौन करेगा? पंजाब में 90 लाख युवा बेरोजगार हैं। उन्हें नौकरी कौन देगा? उन्होंने कहा, कनाडा के प्रधानमंत्री का स्वागत करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
कैबिनेट विस्तार के बावजूद दो पद खाली रखे जाएंगे
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कैबिनेट का विस्तार लुधियाना नगर निगम के चुनाव के बाद और पंजाब विधानसभा के बजट सत्र शुरू होने से पहले हर हाल में कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि एक दो पदों को छोड़कर शेष सभी पर मंत्री लगा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, मेरे पास काफी महकमे हैं, इसलिए मंत्रियों के अभाव में सभी पर फोकस कर पाना संभव नहीं है।
पीएलपीए लैंड पर जंगल ही बनाऊंगा
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ के पास उनके द्वारा खरीदी गई छह एकड़ जमीन में से मात्र 3 बीघे 15 बिसवे जमीन ही पीएलपीए के अधीन है। बाकी जमीन पहले से ही डीलिस्ट की हुई है। वह डीलिस्ट जमीन पर ही अपना घर बनाएंगे, क्योंकि उनके पास चंडीगढ़ में कोई घर नहीं है।
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कैप्टन ने कहा, पीएलपीए के अधीन आने वाली लैंड पर वह फलदार पौधों का जंगल खड़ा करेंगे। उन्होंने इस बात को गलत बताया कि वह पीएलपीए की जमीन पर अपना घर बना रहे हैं। कैप्टन ने कहा, माजरी गांव में उनकी बरसों पुरानी 15 एकड़ जमीन है। इसमें वह इसीलिए अपना मकान नहीं बना पाए, क्योंकि यह पीएलपीए के अधीन है।