गर्मियों में पानी की न हो किल्लत विभाग और निगम ने कसी कमर Chandigarh news
पानी की किल्लत पर ज्यादा से ज्यादा काबू पाने के लिए कुछ इलाकों में वाटर सप्लाई सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है।
मोहाली, जेएनएन। गर्मी के सीजन में पानी की किल्लत न हो इसके लिए जनस्वास्थ्य विभाग व निगम ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है। लेकिन पानी की मांग बढ़ रही मां को पूरा करना नामुमकिन सा लग रहा है। क्योंकि शहर में इस समय 14 एमजीडी (मेगा गेलन डेली) पानी मुहैया करवाया जा रहा है। जबकि जरूरत 25 एमजीडी पानी की है। वहीं पानी की किल्लत पर ज्यादा से ज्यादा काबू पाने के लिए कुछ इलाकों में वाटर सप्लाई सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है।
मोहाली शहर का विकास अब फेज-एक से लेकर सेक्टर-125 तक हो गया है। इसी तरह एयरोसिटी व आइटी सिटी बस गई है। वहीं न्यू चंडीगढ़ में इकोसिटी व मेडिसिटी का काम शुरू हो गया है। मोहाली शहरी एरिया की बात करें तो यहां पर चार एजेंसियां पानी मुहैया करवा रही हैं। इसमें नगर निगम, जल सप्लाई, गमाडा व पीएसआइसी शामिल है। जल सप्लाई विभाग की तरफ से 14 एमजीडी के करीब पानी मुहैया करने के दावे किए जाते हैं। इसके अलावा अन्य एजेंसियां पानी मुहैया करवाती हैं।
जानकारों की माने तो पूरे शहर को अब करीब 25 एमजीडी पानी की जरूरत महसूस हो रही है। ट्यूबवेल व कजौली से करीब 15 एमजीडी पानी मिल रहा है। इसके अलावा गमाडा व अन्य एजेंसियां अपने एरिया में पानी की सप्लाई कर रही है, जबकि दस एमजीडी पानी की और जरूरत महसूस की जा रही है। खरड़, नयागांव और बलौंगी में भी हाल खराब पानी की पूरे जिले में ही स्थिति काफी खराब है। बलौंगी, नयागांव, खरड़ इलाकों में ट्यूबवेलों से पानी की सप्लाई होती है। कई बार मोटर आदि जल जाने से लोगों को टैंकर मंगवाकर काम चलना पड़ता है। टैंकर वाले 500 से 600 रुपये वसूल लेते हैं। यहां पर भी कजौली के फेजों से नहरी पानी मुहैया करवाए जाने की मांग चल रही है।
उधर जल विभाग के एक्सईएन अनिल कुमार ने कहा कि शहर को 14 एमजीडी पानी मुहैया करवाया जा रहा है। उनके एरिया में रोजाना 135 लीटर पानी मुहैया करवाया जाएगा। गर्मियों में वह पानी बर्बाद करने वाले को माफ नहीं करेंगे और उनके चालान तक काटे जाएंगे। इस बार पानी की बर्बादी न करने के लिए अगले माह से ही अभियान शुरू कर दिया जाएगा।