आम जनता पर पड़ेगी महंगाई की एक और मार, 50 फीसद तक बढ़ेंगे पानी के दाम Chandigarh news
इससे पहले दिसंबर माह में पानी के रेट में दो से तीन गुना तक इजाफा करने का प्रस्ताव पास किया गया था।
चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। शहर में बढ़ाए गए पानी के रेट रिवाइज करने के लिए भाजपा की ओर से गठित पार्षदों की कमेटी ने अब 50 प्रतिशत शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है। कमेटी की ओर से तैयार रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है। मगर इस रिपोर्ट में रेट के वर्तमान स्लैब को ही आगे भी लागू करने की बात कही गई है। इस तरह स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा। इससे पहले दिसंबर माह में पानी के रेट में दो से तीन गुना तक इजाफा करने का प्रस्ताव पास किया गया था। मगर इसकी अधिसूचना जारी होने से पहले ही कमेटी का गठन कर रिवाइज एजेंडा लाने का निर्णय लिया गया।
रिवाइज एजेंडा 25 फरवरी को नगर निगम के सदन की बैठक में पेश होगा। यह तय है कि रेट में 50 फीसद बढ़ोतरी के बावजूद नगर निगम को हर साल 60 करोड़ रुपये का घाटा होगा। पार्षद शक्तिदेव शाली के नेतृत्व वाली कमेटी की बैठक सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा के कमरे में हुई। इसमें यह निर्णय लिया गया है कि सबसे छोटी स्लैब शून्य से 15 किलोलीटर वाली ही कैटेगरी रहेगी। जबकि दिसंबर माह में इस कैटेगरी को कम कर दस किलोलीटर तक पानी का प्रयोग करने वालों की बनाई गई थी। सभी कैटेगरी वाली स्लैब पहले वाली ही रहेगी।
शनिवार को अरुण सूद को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी
कमेटी अपनी रिपोर्ट शनिवार को भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद को सौंपेगी। कमेटी सदस्यों के अनुसार कामर्शियल इमारतों के लिए जो भी पानी के रेट बढ़ाए गए हैं उसमे भी कटौती की जाएगी। कामर्शियल इमारतों के पानी के रेट नॉमिनल कम करने की सिफारिश की गई है।
गांवों में प्रति माह 250 रुपये चार्ज करने की सिफारिश
कमेटी के अनुसार ईडब्ल्यूएस कालोनियों और गांवों में जहां पर अनमीटर वाटर कनेक्शन है, वहां पर इस समय 100 रुपये प्रति माह चार्ज किया जाता है। इसे बढ़ाकर 500 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव कर दिया गया है। उसे भी कम करके 250 रुपये किया जाए। कमेटी में शक्तिदेव शाली के अलावा भरत कुमार, महेश इंद्र सिद्धू, चरणजीव सिंह, हरदीप सिंह और गुरप्रीत ढिल्लो सदस्य हैं।
घाटे से उबरने के लिए तय किया था रेट बढ़ाने का प्रस्ताव
अगर रिवाइज एजेंडा पास हो जाता है तो 50 प्रतिशत रेट बढ़ने पर भी नगर निगम को हर साल वाटर सप्लाई के मामले में 60 करोड़ रुपये का घाटा होगा। जबकि दिसंबर माह में जो रेट बढ़ाए गए थे, उससे नगर निगम को हर साल होने वाला 110 करोड़ रुपये का घाटा नहीं होता। जनस्वास्थ्य विभाग के अनुसार कजौली वाटर वर्क्स के पांचवें और छठे फेज से जो 29 एमजीडी की अतिरिक्त पानी की सप्लाई आई है, उससे हर साल 35 करोड़ रुपये का खर्चा नगर निगम का बढ़ गया है।
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