खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा सुखना का जलस्तर
सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने लेक का पानी रिलीज करने के लिए इंजीनियरिग डिपार्टमेंट को सूचना दे दी है। अब अगर बरसात होती है तो तुरंत लेक के फ्लड गेट खोलने पड़ेंगे। मंगलवार को सुखना लेक का जलस्तर 1163 फीट के करीब पहुंच गया है। सोमवार शाम को हुई तेज बरसात के बाद जलस्तर में करीब एक फीट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने खतरे की स्थिति को देखते हुए इंजीनियरिग डिपार्टमेंट को सूचना दी है। अब इंजीनियरिग डिपार्टमेंट ही पानी को छोड़ने से पहले सभी तैयारियां करेगा। यह पानी सुखना चौ के रास्ते घग्गर नदी में छोड़ा जाना है। इसको देखते हुए सुखना चौ के साथ लगते एरिया में सायरन बजाकर और सचेत कर ही पानी छोड़ा जाएगा। वहीं पंजाब और हरियाणा को भी इसकी सूचना दी जाएगी। पिछले साल भी जलस्तर 1163 फीट होते ही फ्लड गेट खोल दिए गए थे। अब लगातार यह दूसरा साल होगा जब ऐसा होगा। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। दो साल से बारिश लेक के लिए संजीवनी
पिछले साल 2008 के बाद ऐसा मौका आया था। सुखना लेक के लिए बरसात दो साल से संजीवनी साबित हो रही है। बूंद-बूंद के लिए तरसती रही सुखना लेक अब चार साल तक बरसात कम भी हो तो भी नहीं सूखेगी। डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट डॉ. अब्दुल क्यूम ने कहा कि सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। इसकी सूचना संबंधित विभाग को दे दी है। अब अगर बरसात होती है तो फ्लड गेट तुरंत खोलने पड़ेंगे।